नई दिल्ली. जी हां, अब आप रात को 10 बजे के पहले नहीं सो सकेंगे. लेकिन गलत मत समझिए. हम घर की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि रेलवे में सफर करते समय की बात कर रहे हैं. जी, हां. यदि आप रेलवे की आरक्षित बोगी में सफर कर रहे हैं, तो अब आप रात को 10 बजे के पहले नहीं सो सकेंगे. क्योंकि रेलवे ने आपके सोने के समय से 1 घंटा चुरा लिया है. पहले रेल से सफर के दौरान आप रात को 9 बजे अपनी बर्थ पर सो सकते थे, लेकिन अब नए नियम के अनुसार रात 10 बजे के बाद ही आप सो सकेंगे. हालांकि आप अपने सहयात्रियों के साथ एडजेस्ट भी कर सकते है.
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक आरक्षित कोचों के यात्री अब रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक ही सो सकते हैं, ताकि अन्य लोगों को सीट पर बाकी बचे घंटों में बैठने का मौका मिले. इससे पहले सोने का आधिकारिक समय रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक था.
– 31 अगस्त को जारी हुआ सर्कुलर
31 अगस्त को जारी सर्कुलर में कहा गया है, आरक्षित कोचों में सोने की सुविधा रात में 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक है और बाकी बचे समय में दूसरे आरक्षित यात्री इस सीट पर बैठ सकते हैं.” सर्कुलर में हालांकि कुछ निश्चित यात्रियों को छूट दी गई है.
– बीमार, विकलांग, गर्भवती महिलाओं को नियम से छूट
इसमें कहा गया है, “यात्रियों से बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिला यात्रियों के मामले में सहयोग का आग्रह किया गया है जिससे अगर वे चाहें तो अनुमति वाले समय से ज्यादा चाहें तो सो सकें.” इस नए प्रावधान ने भारतीय रेलवे वाणिज्यिक नियमावली, खंड एक के पैराग्राफ 652 को हटा दिया है. इससे पहले इस प्रावधान के अनुसार यात्री रात के नौ बजे से लेकर सुबह छह बजे तक सो सकते थे.
– रेलवे प्रशासन को मिली है अनेक शिकायतें
मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा, “हमें सोने के प्रबंध को लेकर यात्रियों की परेशानी के बारे में अधिकारियों से फीडबैक मिला था. हमारे पास पहले ही इसके लिए एक नियम है. हालांकि हम इसे स्पष्ट कर देना चाहते थे और सुनिश्चित करना चाहते थे कि इसका पालन हो.” उन्होंने कहा कि यह प्रावधान शयन सुविधा वाले सभी आरक्षित कोचों में लागू होगा.
यात्रियों को होती थी असुविधा
वहीं एक अन्य रेलवे अधिकारी ने कहा कि सोने के समय में एक घंटे की कटौती इसलिए की गई क्योंकि कुछ यात्री ट्रेन में चढ़ने के साथ ही अपनी सीट पर सो जाते थे, चाहे वह दिन हो या रात. इससे ऊपर या बीच की सीट के यात्रियों को असुविधा होती थी. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस नए निर्देश से ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) को भी अनुमति वाले समय से अधिक सोने से संबंधित विवादों को सुलझाने में आसानी होगी.