पुणे. केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर कैशलेस लेनदेन को बढावा देने के लिए व भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मनपा प्रशासन की ओर से डीबीटी नीति बनायी गई है. इसके तहत लाभार्थियों को वस्तुएं देने की बजाए, पैसे दिए जाएंगे. ये पैसे सीधे लाभार्थियों के अकाऊंट में डाल दिया जाएगा. इसके तहत सामग्री खरीदने में होनेवाली देरी को दूर करने व सही तरीके से कैशलेस व्यवहार के लिए बेनिफिट मैनेजमेंट सिस्टम नामक संगणक प्रणाली को विकसित करने का काम भी जारी है. अब इसमें और पारदर्शिता लाने के लिए मनपा प्रशासन ने फैसला किया है कि डीबीटी का अब वेब पोर्टल बनाया जाए. ताकि लाभार्थी व नागरिक दोनों को भी इसकी जानकारी उपलब्ध होगी. साथ ही इसमें पारदर्शिता भी आएगी. ऐसी जानकारी अतिरिक्त आयुक्त शीतल तेली-उगले ने दी.
– राज्य सरकार के निर्देश पर हो रहा अमल
गौरतलब है कि महापालिका की ढेरों योजनाएं होती हैं, जिसका लाभ लोगों को होता है. खास तौर पर शिक्षा मंडल, समाजिक विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसमें गणवेश, छात्रवृत्ति, साडी, रेनकोट, गमबूट, का समावेश होता है. इसके लिए मनपा प्रशासन द्वारा टेंडर प्रक्रिया जारी की जाती है. लेकिन देखने में आ रहा था कि इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है. इसलिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि ये सब वस्तुएं लेने के लिए संबंधित लाभार्थियों को पैसे दिए जाएं. उसके अनुसार ये पैसे सीधे उनके अकाऊंट में जमा किए जाएंगे. सरकार के निर्देशानुसार मनपा ने डीबीटी नीति बनायी है. लाभार्थियों को वस्तुएं देने की बजाए उसके बदले में उसके पैसे सीधे उनके अकाऊंट में डाल दिए जाएंगे. इसके लिए बेनिफिट मैनेजमेंट सिस्टम प्रणाली विकसित की जा रही है. उसके आगे जाकर अब महापालिका प्रशासन ने अब और एक कदम आगे बढ़ाया है. इस डीबीटी का अब वेब पोर्टल बनाने का फैसला प्रशासन की ओर से किया गया है.
– लाभार्थियों की सभी जानकारी मिलेगी
इस बारे में महापालिका की अतिरिक्त आयुक्त शीतल तेली-उगले ने बताया कि डीबीटी नीति का खासा फायदा शिक्षा विभाग को हो रहा है. शिक्षा विभाग के साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मियों के लिए यह नीति बनायी गयी है. इन कर्मियों के लिए खरीदारी भी अब इसी माध्यम से की जाएगी. उसमें ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए अब इस डीबीटी का वेब पोर्टल बनाया जाएगा. इसमें कौन से लाभार्थी को क्या लाभ हुआ है, इसकी सभी जानकारी मिलेगी. यह जानकारी अब आम लोगों के लिए भी उपलब्ध होगी. इससे इस योजना में पारदर्शिता लाने में मदद होगी. अतिरिक्त आयुक्त के अनुसार हाल ही में हमने इसको लेकर संगणक विभाग को निर्देश दिए हैं. जल्द ही इस पोर्टल का काम किया जाएगा.
शिक्षा विभाग के साथ ही विभिन्न विभागों के कर्मियों के लिए यह नीति बनायी गयी है. इन कर्मियों के लिए खरीदारी भी अब इसी माध्यम से की जाएगी. उसमें ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए अब इस डीबीटी का वेब पोर्टल बनाया जाएगा.
– शीतल तेली-उगले, अतिरिक्त आयुक्त, महापालिका.