यावल. सार्वजनिक निर्माण उपविभाग यावल के अंतर्गत राज्य मार्ग एवं प्रमुख जिला मार्ग आते हैं. बार-बार खराब होने वाले इन रास्तों को अब दो सालो के लिए देखरेख के लिए सरकार की ओर से दिया जानेवाला हैं. इसके लिए सरकार की ओर से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपयों का निधि मंजूर किया हैं. लेकिन मजदूरों के अभाव से न होनेवाला सुधार अब सीधा ठेकेदारों के माध्यम से किया जाएगा. सार्वजनिक निर्माण उपविभाग यावल अंतर्गत कुल विविध ४ राज्य मार्ग आते हैं. उनकी प्रत्यक्ष में लंबाई १६९ किमी अंतर की हैं. लेकिन अस्तित्व में यह रास्ता ११२ किमी का हैं. तथा प्रमुख जिला मार्ग में विविध १० से जादा रास्ते हैं. उनकी लंबाई २५१.९ किमी अंतर इतकी है, प्रत्यक्ष में १७१.४ इतना रास्ता उपलब्ध हैं. इसलिए पहले इस रास्तों की सुधार के लिए किलो मीटर पर मजुर होते थे, लेकिन अब मजुर ही नहीं होने से किरकोल सुधार रूकने से इन रास्तो की स्थिती अत्यंत घटिया हो रहे हैं. इस बात को प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान देकर सभी रास्तों को दो सालों के लिए देखरेख सुधार को मक्ता देने का निर्णय लिया हैं. इसके लिए करीब साढ़े तीन करोड़ का निधी उपलब्ध कर दिया हैं. जल्द ही इस संर्दभ की निविदा प्रक्रीया पार करके देखरेख का मक्ता दिया जाएगा. इस वजह से वाहनधारकों को बड़ी राहत मिलनेवाली हैं.
यावल उपविभाग के अंतर्गत आनेवाले रास्तों की देखरेख सुधार की समस्या गंभी थ. इस बारे में प्रशासन की ओस से पहली बार ही देखरेख का निर्णय हुआ हैं. इसके लिए करीब साढ़े तीन करोड़ का निधी उपलब्ध किया गया हैं. दिवाली के बाद निविदा प्रक्रीया पुरी होना आवश्यक हैं.
-आर. आर. चिरमाडे, उपअभियंता यावल सार्वजनिक निर्माण उपविभाग