पुणे. महापालिका की ओर से शहर में निर्माण किए गए सार्वजनिक स्वच्छता गृहों के इस्तेमाल को लेकर नागरिकों का रवैया सदा से ही उदासीन रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि जिन्हें हम स्वच्छता गृह कहते है, वह वास्तव में काफी गंदे और बदबूदार होते है. लेकिन अब आगामी काल में शहर के सभी सार्वजनिक स्वच्छतागृह पूरी तरह से स्वच्छ दिखेंगे. इन स्वच्छता गृहों की आधुनिक तरीके से साफ-सफाई की जाएगी. साथ ही वहां नागरिकों को सभी तरह की सुविधाएं दी जाएगी. संयुक्त तरीके से मनपा यह प्रकल्प मुहैया करेगी. इसके तहत शहर के करीब 5541 सार्वजनिक स्वच्छतागृहों का विकास होगा.
– संयुक्त तरीके से मुहैया कराया जाएगा प्रकल्प
मनपा प्रशासना के जानकारी के अनुसार महापालिका की ओर से शहर में खास तौर से बस्ती इलाके में सार्वजनिक स्वच्छतागृह बनाए जाते हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल करने को लेकर वहां के नागरिकों में उदासीन रवैया सामने आता है. क्योंकि इन स्वच्छतागृहों में सही तरीके से स्वच्छता नहीं होती. इसमें सुधार लाने को लेकर मनपा प्रशासन की ओर से अब और एक प्रणाली बनायी गयी है. इसके तहत शहर के सभी स्वच्छतागृहों की आधुनिक तरीके से स्वच्छता होगी. इससे पहले मनपा प्रशासन की ओर से प्रायोगिक तौर पर वारजे मालवाडी के बस्ती इलाके में इस प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था.
– समग्र फाउंडेशन को मिला काम
इसका काम समग्र फाउंडेशन को दिया गया था. समग्र संस्था की ओर से वहां आधुनिक तरीके से स्वच्छतागृह की स्वच्छता कर उसका इस्तेमाल किस तरह से करना है, यह भी लोगों को सिखाया. इस वजह से लोगों में स्वच्छतागृहों के इस्तेमाल को लेकर जनजागृति आ रही है. इसी तरह से समूचे शहर में इस तरह की कार्यप्रणाली इस्तेमाल करने से संबंधित प्रस्ताव प्रशासन की ओर से रखा गया था. इसके लिए समग्र संस्था के साथ ही करार किया जाएगा. संस्था के साथ संयुक्त तरीके से 5 साल के लिए यह प्रकल्प मुहैया किया जाएगा. संस्था को एक स्वच्छतागृह के लिए 32 हजार 200 रुपए दिए जाएंगे. स्वच्छतागृह की पूरी स्वच्छता करने का काम संस्था का ही होगा.
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