मुंबई (तेज समाचार प्रतिनिधि). मुंबई हाई कोर्ट ने कॉमेडियन कपिल शर्मा के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी पर गुरुवार को रोक लगा दी. प्राथमिकी में कपिल पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शहर के गोरेगांव इलाके में अपनी फ्लैट में अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य कराया. न्यायालय ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को पांच हफ्ते के भीतर विवाद सुलझाने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एन. एच. पाटिल और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ कपिल और बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. कपिल और इरफान ने अप्रैल और सितंबर 2016 में बीएमसी की ओर से उन्हें जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी थी. नोटिस में उन्हें निर्देश दिए गए थे कि वे ‘डीएलएच एनक्लेव’ में अपने फ्लैटों में किए गए कथित अवैध निर्माण को तोड़ें. बीएमसी ने न्यायालय को बताया कि कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद उसने कपिल और इरफान को जारी नोटिस वापस लेने का फैसला किया है. बीएमसी के वकील एन. वालावलकर ने न्यायालय को बताया कि चूंकि नोटिस वापस ले लिए गए हैं, इसलिए इमारत के निर्माणकर्ता डीएलएच प्राइवेट लिमिटेड की ओर से नोटिसों के खिलाफ दायर दीवानी मुकदमा और उच्च न्यायालय में दाखिल याचिकाएं ‘अर्थहीन’ हो गई हैं. इसके बाद न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में बीएमसी की ओर से कपिल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगा दी. गोरेगांव में अवैध निर्माण मामले में यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी.