आकोला(अवेस सिद्दीकी): शहर में बे खौफ मनचले सर उठा रहे है। दामिनी पथक, चिड़ीमार पथक निष्क्रिय होने एव केवल जेब भराई,खाना पूर्ती हेतु करवाई एव मनचलो को छोड़ कर सभ्य नागरिकों को परेशान करने के आरोप नागरिक लगा रहे।
पालको द्वारा शैक्षणिक परिसर में पुलिस बंदोसबस्त लगाए जाने की मांग
इस समय छात्राए रोड रोमियों, मनचलो से काफी परेशान है किंतु समाज और बदनामी के डर से वे शिकायत नही करती पहले ही वे समाज की विकृत मानसिकता जैसे लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना,बाहर निकलने पर रोक लगाना आदि से लड़कर शिक्षा प्राप्त करने स्कूल,विद्यालय,महाविद्यालय का रुख करती है एव अपने माता-पिता के साथ शहर का भी नाम रौशन करती है। इस वर्ष भी जिले में शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं ने बाजी मारी एव अव्वल रहीं किंतु यह मनचले उनके विचार एव भविष्य में सफल होने की योजनाओं पर ग्रहण लगाने जैसा काम कररहे है। शहर में ऐसा कोई विद्यालयीन,महाविद्यालयीन परिसर नही बचा जहां यह चिड़ीमार मौजूद न हो जगह-जगह यह टोली के रूप में खड़े रहकर कॉलेज छूटने का इंतेजार करते है एंव कॉलेज छूटते ही कार या बाइक पर एक गाड़ी पर तीन-तीन चिड़ीमार सवार होकर तेज रफ्तारी से छात्राओं के आगे पिछे घूमकर परेशान करते है कई परिसर में तो लड़कियों को गाड़ियों के झुंड से घेर कर फिल्मो की तराह गोल चक्कर काटकर छेड़ने की भी चर्चाए छात्राओं में है।इन मनचलो के आतंक से कॉलेज के साथ-साथ ट्यूशन क्लास परिसर भी सुरक्षित नही। शहर के रत्नलाल प्लॉट चौक,सिविल लाईन चौक,तोषनीवाल लेआऊट, शिवजी कॉलेज चॉक, अकोट फाइल,गोडबोले प्लॉट, गवर्नमेंट आइटीआइ कॉलेज,गर्ल्स आइटीआइ,जयहिंद चॉक, गौरक्षण रोड, रिंग रोड,डाबकी रोड़ आदि परिसर में यह मनचले आसानी से देखे जा सकते है।इन चिडिमारो के सर पर कूछ सफेद कॉलर वाले नेता एव अपराधी प्रउर्त्ति के गिरोह का हाथ होने की चर्चाए नागरिको में है जो सरे आम कानून की धज्जियां उड़ाते है।क्या इसी वजह से पुलिस मनचलो पर करवाई करने से गुरेज कररही है? या फिर इन सामाजिक कंटको द्वारा पुलिस प्रशासन को कोई नजराना दिया जारहा है? पथक एव पुलीस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है।आखिर किसकी शह पर यह मनचले बेखौफ है? कौन है इनका सरपरस्त? सब प्रश्न मानो पहेली बन गए है क्योंकि कहते है अगर पुलीस चाहे तो परींदा भी पर नही मार सकता इसी के चलते नागरिको द्वारा मांग की जारही है कि शैक्षणिक परिसरो में पुलिस बंदोबस्त का प्रबंध किया जाए ताकि इन चिडिमारो से छात्राओं को राहत मिले