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आज झुका रहेगा देश का तिरंगा

Tez Samachar by Tez Samachar
September 18, 2017
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आज झुका रहेगा देश का तिरंगा

New Delhi: File photo of Marshal of the Indian Air Force Arjan Singh, famous for his role in the the 1965 India- Pakistan war, has been hospitalised and his condition is stated to be critical.PTI Photo(PTI9_16_2017_000103B)

नई दिल्ली. एयरफोर्स के मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को 98 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उनका हाल जानने के लिए आर्मी अस्पताल भी गए थे. देश के पहले व इकलौते मार्शल अर्जन सिंह का पूरे सैनिक व राजकीय सम्मान के साथ सोमवार को दिल्ली के बरार चौक पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस दौरान सोमवार को उनके सम्मान में राजधानी में राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा.
बता दें कि अर्जन सिंह महज 44 साल की उम्र में एयरफोर्स चीफ बने थे. पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग में उतरी एयरफोर्स की कमान उनके ही हाथों में थी. देश की तीनों सेनाओं में अब तक तीन मार्शल हुए हैं. अर्जन सिंह उनमें से एक थे. उन्हें 5 स्टार रैंक हासिल करने का गौरव मिला.
– हमारे देश के वास्तविक हीरो थे अर्जन सिंह : राष्ट्रपति
प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘भारतीय वायु सेना के बहादुर वॉरियर के निधन पर मुझे गहरा दुख है. उनके परिवार और IAF कम्युनिटी के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. वे वर्ल्ड वार-2 के हीरो थे. उन्होंने 1965 की जंग में अपनी लीडरशिप की बदौलत देश में अपने लिए सम्मान हासिल किया.’
– आईएएफ ताकत बढ़ाने पर था फोकस : नरेन्द्र मोदी
– नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘इंडियन एयरफोर्स के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर भारत में गहरा दुख है. हम देश के लिए उनके शानदार योगदान को याद रखेंगे. सिंह का फोकस IAF की ताकत को बढ़ाने पर था. उन्होंने देश की रक्षा क्षमता में बहुत इजाफा किया. मैं उनसे कुछ अरसा पहले मिला था. तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने खड़े होकर सैल्यूट करने की कोशिश की, जबकि मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया. उनमें सैनिक अनुशासन भरा हुआ था. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और उन लोगों के साथ हैं, जिन्हें दुख पहुंचा है. सिंह एक बेहतरीन एयर वॉरियर और शानदार इंसान थे.’ मोदी ने कहा, ‘1965 की जंग में एयर मार्शल अर्जन सिंह की शानदार लीडरशिप को भारत कभी नहीं भूलेगा. ये वो मौका था जब IAF ने अपना मजबूत इरादे दिखाए.’
– वे सभी लिए एक आदर्श थे : निर्मला सीतारमण
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘अर्जन सिंह का जीवन एक मिसाल था. उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ीं. उनका इस तरह से जाना, देश के लिए भारी क्षति है. उन्होंने जिस तरह का जीवन जिया और आदर्श पेश किए उन्हें पीढ़ियों तक याद किया जाएगा.’
– देश् के तीन मार्शल में से एक थे अर्जन सिंह
देश में अब तक एयर मार्शल अर्जन सिंह, फील्ड मार्शल मानेकशॉ और केएम करियप्पा को ही 5 स्टार रैंक मिली है, मार्शल कभी सेना से रिटायर नहीं होते. अर्जन सिंह 2002 में 5 स्टार रैंक के लिए प्रमोट हुए. उन्हें पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.
– कलाम को खड़े हो कर किया था सैल्यूट
27 जुलाई, 2015 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया. तब कलाम के अंतिम दर्शन के लिए राष्ट्रपति और पीएम समेत कई नेता पहुंचे थे. लेकिन सबकी नजरें कांपते हाथों से सैल्यूट करते योद्धा अर्जन सिंह पर थीं. वे आए तो व्हीलचेयर पर थे, लेकिन कलाम को देखते ही खुद चलकर पास आए और तनकर सलामी भी दी थी.
– अविभाजित भारत मेें जन्मे अर्जन सिंह
अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को अविभाजित भारत के लायलपुर में हुआ था. ये जगह अब पाकिस्तान के फैसलाबाद में है. 1938 में 19 साल की उम्र में RAF क्रेनवेल में उनका सिलेक्शन एम्पायर पायलट ट्रेनिंग के लिए हुआ. उनकी पहली पोस्टिंग नॉर्थ वेस्टर्न फ्रंटियर प्रॉविंस में वेस्टलैंड वापिटी बाइप्लेंस उड़ाने के लिए हुई. वे IAF की नंबर वन स्क्वॉड्रन के मेंबर थे. उन्हें कुछ वक्त के लिए नंबर 2 स्क्वॉड्रन में भी भेजा गया था. लेकिन, जब नंबर वन स्क्वॉड्रन को हॉकर हरिकेन प्लेन मिले तो सिंह को वापस बुला लिया गया. 1944 में उन्हें स्क्वॉड्रन लीडर बनाया गया और उन्होंने अराकान कैंपेन के दौरान जापानियों के खिलाफ टीम को लीड किया. बर्मा, इम्फाल में सक्सेसफुल कैंपेन लीड करने की वजह से 1944 में सिंह को डिस्टिंगुइश्ड फ्लाइंग क्रॉस (DFC) दिया गया.
– आजादी के दिन 100 प्लेंस का फ्लाई-पास्ट लीड किया
– 15 अगस्त 1947 को सिंह को एक और सम्मान दिया गया. उन्हें दिल्ली के लाल किले के ऊपर से 100 IAF एयरक्राफ्ट्स के फ्लाई-पास्ट को लीड करने का मौका दिया गया. विंग कमांडर प्रमोट होने के बाद सिंह यूके के स्टाफ कॉलेज में भी गए और आजादी के तुरंत बाद उन्हें अंबाला में एयर ऑफिसर कमांडिंग बना दिया गया. 1949 में एयर कोमोडोर प्रमोट किए जाने के बाद सिंह ने एयर ऑफिसर कमांडिंग ऑफ ऑपरेशनल कमांड का जिम्मा संभाला. इसे ही बाद में वेस्टर्न एयर कमांड कहा गया. सिंह लगातार प्रमोट होते रहे और 1962 की जंग खत्म होते-होते उन्हें DCAS बनाया गया और 1963 में वे VCAS बन गए.

Tags: 15 अप्रैल 1919एपीजे अब्दुल कलामएयर मार्शल अर्जन सिंह का निधनएयरफोर्स के मार्शल अर्जन सिंहनिर्मला सीतारमणप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीलायलपुर
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