नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). केन्द्र में सरकार किसी की भी हो, पेट्रोल-डीजल के दामों में जब भी बढ़ोत्तरी होती है, विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल जाता है. मोर्चा आंदोलन शुरू हो जाता है. छुटभैये नेताओं को अपने आप को सक्रीय करने का मौका मिल जाता है. लेकिन लगता है अब मोदी सरकार यह प्रथा बंद करने के मूड़ में है. कल यानी 4 मई को GST काउंसिल की 27वीं बैठक है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते है, जिसके तहत डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. यदि मोदी सरकार डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने में सफल होती है, तो डीजल-पेट्रोल आगामी कुछ ही दिनों में करीब 30 प्रतिशत सस्ता हो सकता है.
– कर्नाटक चुनाव पर असर डाल सकते है अहम फैसलें
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इसके लिए पहले से तैयार है. दरअसल, 4 मई को GST काउंसिल की 27वीं बैठक है. GST की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. इसमें कई जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं. एक्सपर्ट्स की माने तो GST काउंसिल की यह बैठक कर्नाटक चुनावों पर भी असर डाल सकती है. बैठक के बाद रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो सकती है. हालांकि, इस बैठक के बाद चीनी खाना या उससे बने व्यंजनों पर असर पड़ सकता है. सरकार चीनी पर 5 फीसदी सेस लगा सकती है.
– कई राज्य कर रहे हैं विरोध
पिछले दो महीने से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम ऊंचाई पर चल रहे हैं. दिल्ली में पेट्रोल के दाम जहां 5 साल की ऊंचाई पर हैं. वहीं, डीजल की कीमतें अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच लंबे समय से इसे GST के दायरे में लाने की मांग हो रही है. लेकिन, कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं. क्योंकि, पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने से राज्यों को टैक्स के जरिए होने वाली कमाई पर काफी असर पड़ेगा. लेकिन, यह तय है कि जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रित होंगी और काफी हद तक घट जाएंगी. ऐसे में GST काउंसिल इस पर फैसला ले सकती है.
– डिजिटल पेमेंट करने पर MRP पर मिलेगी छूट
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए दुकानदारों को भी कैशबैक जैसे आकर्षक ऑफर का फायदा मिल सकता है. इसके लिए सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इस प्रस्ताव में डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वाले ग्राहकों को भी अधिकतम खरीद मूल्य यानी एमआरपी पर छूट का फायदा मिल सकता है. यह छूट एक बार में अधिकतम 100 रुपए तक हो सकती है. दूसरी तरफ व्यापारी को भी उसके डिजिटल तरीके से की गई बिक्री पर कैशबैक मिलेगा.
– कारोबारियों के लिए सिंगल रिटर्न फॉर्म
जीएसटी के दायरे में आने वाले करोड़ों कारोबारियों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. इन कारोबारियों को हर महीने 3 रिटर्न फाइल करने की बाध्यता से मुक्ति मिलने वाली है. इससे कारोबारी अपना बिजनेस आसानी से कर सकेंगे. दरअसल, काउंसिल सिंगल रिटर्न फॉर्म लाने पर विचार कर रही है. इससे कारोबारियों का काम आसान होगा और हर तीन महीने में रिटर्न फाइल करने की दिक्कतों से छूटकारा मिलेगा. वहीं, इससे जीएसटी रेवेन्यू बढ़ने की भी संभावना है.
– ऑटो जेनरेट होगा चालान
कारोबारियों के काम आसान बनाने के लिए कई तरह के विकल्प तलाशे जा रहे हैं. टैक्स भरने के नए फॉर्म में टैक्स पेमेंट करने का चालान ऑटो जेनरेट होगा. हालांकि, यह इनपुट टैक्स क्रेडिट के अलावा होगा. इसके अलावा टैक्सपेयर के पास क्रेडिट राशि को एडिट करने का ऑप्शन भी होगा.