9 गोलियां खाकर 2 महीने कोमा में रहे CRPF कमांडेंट चेतन चीता
दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). कहते है कुछ लोग देश के लिए जीने और मरने के लिए ही जन्म लेते है. इन्हीं में से एक है CRPF कमांडेंट चेतन चीता. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए 9 गोलियां खाने वाले CRPF कमांडेंट चेतन कुमार चीता की जान बच गई है. दो महीने तक कोमा में रहने के बाद चेतन अब होशो-हवास में हैं और बातें कर रहे हैं. उन्हें बुधवार को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया.
– यह चमत्कार ही है : रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने चेतन से मुलाकात की. रिजिजू ने कहा, ‘चेतन की हालत अब बहुत बेहतर है. यह चमत्कार है. जैसी हालत में उन्हें श्रीनगर से यहां लाया गया था, यह सोच पाना बड़ा मुश्किल था कि वह मुझसे बात करेंगे.’
चेतन चीता एम्स ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में एक महीने तक रहे. वहां के डॉक्टर्स का कहना है, ‘वह अब फिट हैं. जब 45 साल के चेतन को यहां लाया गया था तो उनसे सिर में बुलेट इंजरी थीं. उनका ऊपरी अंग बुरी तरह फ्रैक्चर था और उनकी दाहिनी आंख फूट गई थी.’
– एक डॉक्टर ने बताया, ‘उनका जीसीएस स्कोर (ब्रेन की चोन की गंभीरता को मापने वाला टेस्ट) M3 था, वह डीप कोमा में थे. अब उनका जीसीएस स्कोर M6 है. अब अब पूरे होशो-हवास में हैं और उनके सभी अंग सही काम कर रहे हैं.’ ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर के प्रोफेसर डॉ. अमित गुप्ता ने कहा, ‘हम चेतन चीता को बुधवार को घर भेजने की प्लानिंग कर रहे हैं. इनके ठीक होने की स्पीड किसी चमत्कार से कम नहीं है.’
– कश्मीर के बांदीपोरा में हुई थी मुठभेड़
कश्मीर के बांदीपोरा डिस्ट्रिक्ट में 14 फरवरी को हाजिन एरिया में आतंकियों के साथ एनकाउंटर हुआ था, जिसमें 3 जवान शहीद हुए थे और एक आतंकी मारा गया था. एनकाउंटर में चीता भी बुरी तरह जख्मी हुए थे. उन्हें 9 गोलियां लगी थीं. चेतन को पहले श्रीनगर के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां ब्लड को रोकने के लिए मेडिसिन दी गई थी. बाद में उन्हें प्लेन से AIIMS ट्रॉमा सेंटर दिल्ली रेफर कर दिया गया था.
चेतन चीता की पत्नी उमा सिंह ने कहा, ‘फिटनेस को लेकर CRPF कमांडेंट के लगाव और उनके स्ट्रॉन्ग विल पावर ने उन्हें ठीक होने में मदद की.’ चेतन ने आतंकियों से लड़ते हुए 16 राउंड फायर किए थे और अबू हारिस नाम के आतंकी को मार गिराया था.