जलगांव. आदिवासी टोकरे कोली, मल्हार कोली, महादेव कोली आदि आदिवासी समाज पर होनेवाले अन्याय के बारें में बार-बार अपने मांगों को सरकार तक पहुचाने के लिए आंदोलन किए हैं. पिछले सरकार ने भी केवल आश्वसन दिया था, लेकिन इन मांगो पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. भाजपा सरकार ने टोकरे कोली समाज को जाती प्रमाणपत्र की समस्यों को निपटाने का आश्वासन दिया था. लेकिन आजतक इस विषयपर कोई निर्णय नहीं लेने से ११ सितंबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर आदिवासी वाल्मिक सेना के संस्थापक शाना सोनवणे के नेतृत्व में चोपड़ा तहसिल से जलगांव तक संघर्ष पदयात्रा निकाली गई. इस यात्रा में आदिवासी वाल्मिक सेना के संस्थापक शाना सोनवणे, पाषर्द कैलास सोनवणे, एम.एल.बाविस्कर, सुनिल बाविस्कर, बालू कोली, धनराज बाविस्कर, सुनिल सपकाले, गजानन कोली सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इस बीच किशोरराजे निंबालकर ने १८ सितंबर को पालकमंत्री चंद्रकांत पाटील को खत भेजकर चर्चा की जाने का आश्वासन समाज बांधवों को दिया.
आदिवासी समाज की विविध मांगे
सरकार ने १९५० साल पहले के टोकरे कोली, महादेव कोली, मल्हार कोली की नोंद हायकोर्ट एवं सुप्रिम कोर्ट के निकाल, शासकीय गँझेट, राष्ट्रपती आदेश आदी की समिक्षा करने के लिए ८ फरवरी २०१३ को एक समिती तयार की गई थी. इस समिती ने अभीतक सरकार तक अपना अहवाल नहीं भेजा हैं. यह अहवाल जल्द से भेजे. तथा जिन के पास रिस्तेदारों का जातीजांच प्रमाणपत्र होगा उसकी जादा जांच न करके एक माह के अंदर जातीजांच प्रमाणपत्र मिले. जो सच्चा आदिवासी मिला मिला तो उसे नोंदणीकृत जात प्रमाणपत्र दिया जाए. अगर झुठा साबित हुआ तो उसपर अपराधिक मामला दर्ज किया जाए. टोकरे आदिवासी समाज के पास जातीजंाच प्रमाणपत्र नहीं होने से विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा हैं. इसलिए हमारी मांगो को जल्द से जल्द पुरी की जाए.