धुलिया(तेज समाचार प्रतिनिधि):केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे के तीन वर्षों के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार ने इंदौर -मनमाड रेल परियोजना को अंतिम रूप से मंजूरी प्रदान की है और अगस्त के प्रथम सप्ताह में खानदेश वासियों की बहुप्रतीक्षित रेल लाइन बिछाने का सपना पूरा किया जा रहा है। इसके लिए अगस्त माह में पांझरा नदी पर एक बड़ा रेल पुल तथा अन्य तीन पुलों की टेंडर प्रक्रिया जारी किए जाने की जानकारी केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे ने शुक्रवार, 13 जुलाई को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा।
इस दौरान मंच पर जिला अध्यक्ष अनप अग्रवाल, हिरामन गवली, विनोद मोरणकर, वलीबेन मंडोरे आदि भाजपा के पदाधिकारी उपस्थित थे। केंद्रीय सुरक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर भामरे ने कहा कि कार्य कर के दिखाना चाहिए, न कि शब्दों में फेंका- फेंकी करना चाहिए। विधायक गोटे का नाम लिए बिना केंद्रीय मंत्री भामरे ने प्रहार किया है। विगत कई | सालों से मनमाड- धुलिया- इंदौर रेल परियोजना को लेकर दिशा भूल करने की सियासत की जा रही है। तथा रेल मार्ग के लए उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। इस तरह के भ्रम की स्थिति जिले में बनाई जा रही है। पूर्व में रेल मार्ग के उद्घाटन की बातें की जा रही थी, लेकिन वास्तविक रूप से इंदौर- मनमाड रेल परियोजना को वर्ष 2014 से पूर्व किसी भी प्रकार | की मंजूरी नहीं दी गई थी, जिससे मनमाड- धुलिया इंदौर रेल लाइन के कार्य करने वाले मिस्टर खोटे की पोल खुल गई है।
औद्योगिक विकास की दृष्टि से पिछड़े व रेल विहीन इलाकों में बदलाव
केंद्रीय मंत्री भामरे ने कहा कि उनके सांसद तथा मंत्री बनने के बाद तीन साल के निरंतर प्रयासों से रेल मार्ग का डीपीआर तैयार किया गया और उसमें 8 हजार 857 करोड़ रुपए से 5 हजार 875 करोड़ का बनाया गया है, जो एक उपलब्धि है। रेल परियोजना के बढ़े हुए खर्च को कम किया गया, इंदौर-मनमाड रेल परियोजना की मंजूरी के सिलसिले में जानकारी देते हुए केंद्रीय सुरक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि इस रेल परियोजना से मध्यप्रदेश के तीन और महाराष्ट्र के चार जिलों को जोड़ने वाली इंदौर (महू)- मनमाड रेल परियोजना का अगले तीन महीनों के भीतर सरकारी भूमि अधिग्रहण कर उस पर प्रत्यक्ष रूप से रेलवे लाइन का कार्य आरंभ किया जाएगा। यह परियोजना औद्योगिक विकास की दृष्टि से पिछड़े व रेल विहीन इलाकों में काफी बदलाव ला सकती है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी इस प्रोजेक्ट में काफी बदलाव लाएगा। इस क्षेत्र से हर साल चालीस हजार से भी ज्यादा कंटेनर मुंबई भेजे जाते हैं। पहले कंटेनर रतलाम जाते हैं, फिर वे मालगाड़ी में लोड होते हैं। पीथमपुर से मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक 850 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। इस रेल लाइन के बिछ। जाने से मुंबई की पीथमपुर से दूरी घटकर 625 किलोमीटर हो जाएगी।
चार से पांच वर्षों में पूरा
इस प्रोजेक्ट के कारण धुलिया में दिल्ली कॉरिडोर मालेगांव में ड्राई पोर्ट से इंडस्ट्रियल सेक्टर को फायदा मिलना तय है। इससे परिवहन लागत कम होगी और समय भी काफी बचेगा। इसका महत्व केंद्रीय शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी को बताया, जिसका संज्ञान लेते हुए 14 नवंबर को रेल परियोजना के सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन शिपिंग मंत्रालय में किया गया, जिसका आमंत्रण धुलिया लोकसभा सांसद होने के नाते डॉक्टर भामरे के अलावा अन्य किसी को भी नहीं दिया गया। जो बोलते हैं कि उन्हें बुलाया गया, वे सफेद झूठ हैं। पत्रकार परिषद में केंद्रीय सुरक्षा राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे ने ट्रांसपोर्ट तथा शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के विशेष योगदान से इंदौर- धुलिया-मनमाड रेल परिजनों का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें इरकॉन तथा अडानी ग्रुप दोनों राज्य सरकार तथा जीएनपीटी रेल मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से परियोजना को आगामी चार से पांच वर्षों में पूरा किए जाने की जानकारी केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे ने दी।