जलगांव(तेज़ समाचार प्रतिनिधि): इलाज में लापरवाही करने से ममता अनिल तायडे इस युवती को दिव्यांगत्व आने से गणपती अस्पताल के व्यवस्थापक डा. शितल रुपचंद ओसवाल, डा.अजय कोगटा, डा.लिना अनुज पाटील, डा. विशाल पिंपरिया व डा. अमित हिवरकर इन डाक्टरों के खिलाफ ममता की शिकायत से रामानंद नगर पुलिस स्टेशन में अपराधीक मामला कलम ३३८ (लाफरवाही) की तहत दर्ज किया गया हैं।
क्या हैं प्रकरण?
पुलिस कर्मचारी अनिल तायडे इनके मोटारसाईकल को २९ जूलाई २०१७ को महामार्ग पर दूर्घटना हुई थी। उसमें लड़की ममता के पैर में गंभीर चोट लगी थी। तायडे ने उस लड़की को गणपती अस्पताल में दाखिल किया था। एक्स रे निकालने के बाद ममता के पैर को प्लास्टर लगाया गया था। एवं प्लास्टर से उसके पैर की नस तुटकर पैर पर हत्ती रोग की तरह सुजन आयी थी। गलती ध्यान में आनेपर डा. लिना पाटील ने प्लास्टर काटकर मरिज को नाशिक में ले जाने की सलाह दी थी।
षज्ञों की समिती ने अभिप्राय देने के बाद दर्ज हुआ मामला
जिला शल्य चिकित्स की अध्यक्षा में षज्ञों की समिती के पास यहं प्रकरण गया। उन्होंने इलाज के कागदपत्रक एवं मरिज की प्रत्यक्ष अवलोकन करने के बाद इलाज में लापरवाही होने का सामने आया। वैसा अभिप्राय इस समिती ने पुलिस को दिया। उसके बाद यहं अपराधिक मामला दर्ज किया गया। नाशिक में ममता के पैर पर ५ ऑपरेशन किए गए। उसके बाद आगे का ऑपरेशन के लिए पूने ले जाया गया। वहां भी ३ ऑपरेशन हुए। इतने ऑपरेशन करने के बाद भी लड़की खुद के पैर पर खड़ी नहीं हो सकी हैं। गलत प्लास्टर से यहं ऑपरेशन करने की आवश्यकता पड़ी हैं, ऐसा नाशिक के डाक्टरों ने बताया हैं। गलत प्लास्टर से लड़की के पैर पर ऑपरेशन करना पडा, लेकिन फिर भी वहं अपने पैर पर खड़ी नहीं रह सकने से गणपती अस्पताल के डा. शितल ओसवाल व संबंधित डाक्टरों पर अपराधिक मामला दर्ज करने के लिए अनिल तायडे ने विशेष पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक आदि के पास शिकायत की थी।

