जम्मू. आतंकवाद और आतंकवादियों को रोकने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के िलए सरकार ने आर्मी को हर प्रकार की आजादी दे रखी है. इसी का परिणाम है कि आर्मी पूरी स्वतंत्रता के साथ आतंकवादियों को रोकने का हर संभव प्रयास करती रहती है. आर्मी ने इस साल 190 आतंकवादियांे को मार गिराया है, इनमें से 110 विदेशी टेररिस्ट थे और 80 लोकल टेररिस्ट थे. शनिवार को बांदीपोरा के हाजिन एनकाउंटर के बाद रविवार को आर्मी की 15 कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट बीएस संधू ने ये जानकारी दी. बता दें कि हाजिन एनकाउंटर में लश्कर के 6 आतंकी मारे गए. इनमें मुंबई अटैक के मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी का भतीजा ओवैद उर्फ उस्माना जंगी भी शामिल था.
– जारी है आर्मी का ऑपरेशन
बीएस संधू ने कहा, ‘मारे गए 110 विदेशी आतंकियों में से 66 को घुसपैठ के दौरान लाइन ऑफ कंट्रोल के पास ढेर किया गया. खास बात ये है कि कश्मीर घाटी के भीतरी इलाके में इस साल हमने 125-130 आतंकी मारे हैं. इसकी वजह से हालात में काफी बदलाव देखने को मिले हैं.’
संधू ने बताया, ‘हमने हाजिन में मिड सितंबर में कुछ ऑपरेशन शुरू किए थे. इसके बाद से हमने यहां करीब-करीब रोजाना सर्च ऑपरेशन चलाए. हमने यहां स्पेशल फोर्सेस को तैनात किया. पुख्ता जानकारी मिलने के बाद शनिवार को सीआरपीएफ, आर्मी और पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया. इनमें 6 आतंकी मारे गए. ये सभी विदेशी थे. हमने इस ऑपरेशन में शामिल सभी एजेसियों की तारीफ की. लोकल आतंकियों को ये समझना होगा कि वे खुद को मुजाहिद कहते हैं, लेकिन क्या वे वाकई मुजाहिद हैं या फिर पाकिस्तान के लिए प्रॉक्सी वार लड़ रहे हैं.’
– ISIS का भी घाटी में प्रभाव
जम्मू-कश्मीर की डीजीपी एसपी वैद ने कहा, ‘कश्मीर घाटी को हिंसा, बंदूकों और ड्रग्स से मुक्त कराना होगा. एजेंसियों और जवानों ने मिलकर जो काम किया है, वो काबिल-ए-तारीफ है. हां, अभी इस बात की जांच की जानी है कि ISIS का कोई प्रभाव घाटी में है या नहीं. जहां तक मुझे लगता है कि घाटी में ISIS का प्रभाव नहीं है.’
शनिवार को आतंकियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली. सिक्युरिटी फोर्सेस ने करीब तीन घंटे की मुठभेड़ में बांदीपोरा जिले में एक ही जगह जमा लश्कर-ए-तैयबा के छह आतंकी मार गिराए. ये सभी पाकिस्तान के थे. इनमें मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी का भतीजा ओवैद उर्फ उस्माना जंगी भी शामिल था. वह आतंकियों का हैंडलर था. आतंकियों से एके 47, हैंडग्रेनेड समेत भारी मात्रा में हथियार और कुछ कागजात मिले हैं. इस दौरान वायु सेना का एक गरुड़ कमांडो निराला भी शहीद हो गया, जबकि दो जवान घायल हैं. एक साल में तीसरा गरुड़ कमांडो शहीद हुआ है.