न्यूयॉर्क (तेज समाचार डेस्क). अमेरिका जल्द ही ईरान पर प्रतिबंध लगा सकता है. इस प्रतिबंध के तहत अमेरिका ने चेतावनी दी है कि कोई भी ईरान से तेल नहीं खरीदेगा, जो भी देश ईरान से तेल खरीदेगा उस पर भी अमेरिका प्रतिबंध लगाएगा साथ ही वह अमेरिका का दुश्मन भी बन जाएगा. ज्ञात हो कि ईरान के साथ भारत के अच्छे संबंध है. इस कारण यदि अमेरिका ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाता है, भारत ईरान से तेल नहीं खरीदता, तो इसका असर ईरान और भारत के संबंधों पर पड़ सकता है. यदि वह ईरान से तेल खरीदना जारी रखता है, तो ऐसे में भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ सकती है. यह स्थिति भारत के लिए दुविधाजनक है. देखना होगा कि भारत इस स्थिति से उबरने के लिए क्या कूटनीति अपनाता है. आशंका जताई जा रही है कि आगामी 4 नवंबर से अमेरिका ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाएगा. इसी बीच अमेरिका ने भारत की तेल जरूरतों का संज्ञान लेते हुए कहा कि वह अपने दोस्त भारत के लिए तेल सप्लाई का नया विकल्प तलाशने में जुटा है. अमेरिका का कहना है कि वह नहीं चाहता कि उसके कदम की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई असर पड़े.
– तेल सप्लाई करने वाले देशों की तलाश
अमेरिका की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, कि अमेरिका अपने सभी मित्र देशों से प्रतिबंध के बाद के असर पर बात कर रहा है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत को कोई विकल्प मिल जाए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर असर न हो.
उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत की तेल जरूरतों का अंदाजा है और इसीलिए निजी क्षेत्र की कंपनियां कच्चा तेल निर्यात करने वाले नए देशों की तलाश कर रही हैं. भारत और अमेरिका के विशेषज्ञ ईरान पर प्रतिबंध के बाद के हालात पर चर्चा कर रहे हैं.
– परिमाणु हथियार है मुख्य मुद्दा
इसी साल जुलाई में अमेरिका ने ईरान से 2015 में किए गए परमाणु समझौते से हाथ वापस खींच लिए थे. अमेरिका का आरोप था कि ईरान ने उसे धोखा देकर परमाणु हथियार बनाना जारी रखा. इसी के चलते ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जो कि 4 नवंबर से लागू होंगे.
– ईरान से तेल खरीदनेवाला भारत दूसरा बड़ा देश
4 नवंबर के बाद जो भी देश ईरान से कारोबार करेंगे उन्हें अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, भारत ने अभी तक ईरान से तेल आयात बंद करने पर कोई फैसला नहीं किया है. भारत ईरान से दूसरा सबसे ज्यादा तेल आयात करने वाला देश है.