नई दिल्ली ( संवाददाता ) – पांच राज्यों में हुए चुनाव के परिणाम आने में कुछ ही वक्त बचा है, ऐसे में सभी की निगाहें आने वाले परिणामों पर लगी हुई हैं. चुनाव सर्वेक्षण के लिए पहचानी जाने वाली पेस मीडिया रिसर्च ने अपने ताज़ा सर्वेक्षण में उत्तरप्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा बनने की सम्भावना व्यक्त की गई है . वहीँ सपा कांग्रेस गठबंधन को राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आगे रहने की उम्मीद है .
पेस मीडिया रिसर्च के सर्वेक्षण के अनुसार पंजाब में कांग्रेस व उत्तराखंड में भाजपा पूर्ण बहुमत की ओर बताई गई है. उत्तराखंड में टिकटों के वितरण की नाराजगी का कांग्रेस को खुला नुकसान होना बताया गया है. वहीँ पंजाब में आम आदमी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है. आम आदमी पार्टी पंजाब में दुसरे क्रमांक पर रहेगी. पेस मीडिया रिसर्च ने स्पष्ट किया की इस बार के चुनाव में मतदातों के रुझान बड़ी तेजी के साथ बदलते रहे हैं. ऐसे में सर्वेक्षण व् आंकलन में भी बदलाव होते रहे हैं , किन्तु अब ८ मार्च को आखरी दौर के मतदान के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है की नतीजे इस तरह के चैकाने वाले हो सकते हैं .
उत्तरप्रदेश में किसी भी राजनेतिक मुद्दे ने चुनाव को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं किया. सीधे अर्थों में कहा जाए तो उत्तरप्रदेश में इस बार भी जाति और धर्म के आधार पर चुनाव लडे गए. सरकार के खिलाफ उपजी नाराजगी को अखिलेश यादव की लोकप्रियता ने कम कर दिया. जिसका सीधा सीधा फायदा सपा कांग्रेस गठबंधन को हुआ. उत्तरप्रदेश में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा न होने का लाभ दोनों विपक्षी पार्टियों को मिला.
उत्तराखंड में किये गए सर्वेक्षण के अनुसार पेस मीडिया रिसर्च की रिपोर्ट कहती है की कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर राज्य इकाई की अधिक न मानने का खामियाजा पार्टी को हो रहा है, कई सीटों पर उम्मीदवारों के भितरघात का सीधा फायदा भाजपा को मिला है. उत्तराखंड में भाजपा बहुमत की और जाती दिखाई दे रही है.
पंजाब में अकाली भाजपा के पारंपरिक वोट बैंक के बावजूद राज्य में उसे नाराजगी झेलनी पड़ी है. मतदाताओं का प्रारम्भिक रुझान कांग्रेस व मुख्यमंत्री पद के दावे दार कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति देखा गया था. बाद में तेज़ी से हुए बदलाव ने आम आदमी पार्टी को मुकाबले में दुसरे क्रमांक पर ला दिया. सर्वेक्षण के अनुसार पंजाब में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बहुमत के करीब बताई जा रही है.