इलाहाबाद (तेज समाचार डेस्क). दो दिन पूर्व उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा के नतीजें घोषित किए गए. इस घोषित परीक्षा परिणामों के अनुसार हाईस्कूल में 75.16% बच्चे और इंटरमीडिएट में 72.43% बच्चे पास हुए. इस बार बोर्ड के नतीजों में 6.02% की कमी आई है. रिजल्ट जारी होने के दो दिन बाद बोर्ड ने ऐसे स्कूलों की सूची जारी की है, जिसका एक भी विद्यार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सका है. प्रदेश के ऐसे 150 स्कूल हैं, जिनमें एक भी छात्र पास नहीं हुआ है. इन 150 स्कूलों में हाईस्कूल के 98 तो इंटरमीडिएट के 52 स्कूलों का रिजल्ट जीरो रहा. इसमें गाजीपुर जिला पहले नंबर रहा है, यहां के 17 स्कूल शामिल हैं. दूसरे नंबर पर आगरा और तीसरे पर इलाहाबाद जिला रहा.
– मान्यता समाप्त करने पर विचार कर रहा है बोर्ड
बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक, “हाईस्कूल में 98 स्कूलों का रिजल्ट शून्य फीसदी रहा है, जबकि इंटरमीडिएट में 52 स्कूलों का. अब बोर्ड ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई करने का मन बना रहा है. इन स्कूलों की मान्यता खत्म की जा सकती है और इन स्कूलों में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही खराब प्रदर्शन पर जवाब मांगा जाएगा.
– गाजीपुर जिले में सबसे अधिक 17 स्कूलों मेंं शून्य प्रतिशत रहा परिणाम
उत्तर प्रदेश का गाजीपुर जिला सबसे अव्वल रहा. यहां के 17 स्कूल में एक भी छात्र पास नहीं हो सका. आगरा में 9 और इलाहाबाद में 7 ऐसे स्कूल ऐसे हैं जहां रिजल्ट शून्य फीसदी आया. आजमगढ़ में 6, बहराइच, मिर्जापुर, मऊ और हरदोई के पांच-पांच स्कूल भी इसमें शामिल हैं. बोर्ड के मुताबिक, इस साल 75 में से 50 जिलों को नकल के मद्देनजर संवेदनशील घोषित किया गया था.
– जिले और उनके स्कूल की तादाद
गाजीपुर: 17, आगरा: 9, इलाहाबाद: 7, आजमगढ़: 6, बहराइच: 5, मिर्जापुर: 5, मऊ: 5, हरदोई: 5, गोंडा: 4, कानपुर: 4, सिद्धार्थनगर: 4, महाराजगंज: 4, बलरामपुर: 4, हापुड़: 4, बांदा: 4 , औरैया: 3, कौशांबी: 3, कन्नौज: 3, मथुरा: 3. लखीमपुर खीरी: 3, मैनपुरी: 3, अलीगढ़: 3, अम्बेडकरनगर: 3, हाथरस: 3, बस्ती: 3, गोरखपुर: 3, जौनपुर: 3, अमरोहा: 3, देवरिया: 3, लखनऊ: 3, कासगंज: 3, एटा: 3, फिरोजाबाद: 3, इटावा: 3, गाजियाबाद: 3, ललितपुर: 1, सोनभद्र: 1, कुशीनगर: 1.
– परीक्षा में बोर्ड ने दिखाई सख्ती
हर परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी लगाया गया था. इनकी मॉनिटरिंग की गई थी. साथ ही परीक्षा केंद्र चुनने में भी बोर्ड ने सावधानी बरती. कई शहरों में खुद माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने छापेमारी की. परीक्षा केन्द्रों पर पुलिस पिकेट तैनात की गयी थी, जिससे नकल में कमी आई. नकल रोकने के लिए राज्य में 22 टीमें गठित की गई थीं.
– लड़कियां ही रही अव्वल
उत्तर प्रदेश बोर्ड के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट एक साथ अप्रैल में आया. हाईस्कूल में 75.16% बच्चे और इंटरमीडिएट में 72.43% बच्चे पास हुए. इस बार बोर्ड के नतीजों में 6.02% की कमी आई है. हाईस्कूल में प्रदेश भर से 30,28,767 बच्चे परीक्षा में बैठे थे. इनमें 16,89,877 लड़के और 13,38,890 लड़कियां थीं. 72.27% लड़कों और 78.81% लड़कियों को सफलता मिली है. इंटरमीडिएट की परीक्षा में कुल 26,04,093 बच्चे एग्जाम में बैठे. इनमें 18,86,050 बच्चों ने एग्जाम पास किया. इंटरमीडिएट में 72.43% छात्र पास हुए. 26,04,093 बच्चों में 14,12,519 लड़के और 11,91,574 लड़कियां शामिल हैं.