धुलिया(तेज समाचार प्रतिनिधि ):महाराष्ट्र शासन की महत्वपूर्ण योजना के रूप में जलयुक्त परिसर अभियान किल्लतमुक्त महाराष्ट्र २०१९ इस योजना की ओर देखा जा रहा है। इस योजना के उपलक्ष्य में उपलब्ध जलसिंचयन ही सही मायने में इस अभियान की सफलता है। ऐसा प्रतिपादन राज्य के मृद एवं जलसंधारण एवं राजशिष्टाचार, विमुक्त जाति, भटकी जमाती, अन्य पिछडावर्ग एवं विशेष पिछडावर्ग कल्याण मंत्री प्रा.राम शिंदे ने शनिवार को किया। तहसी के बाबरे के साठवण बांध एवं वाघी नाले के पुनरूज्जीवन से उपलब्ध हुए जलस्त्रोंतो का जलपुजन करते हुए मंत्री प्रा.शिंदे बोल रहे थे।
इस अवसर पर विधायक कुणाल पाटील, जिला परिषद के समाज कल्याण सभापती मधुकर गर्दे, जिलाधिकारी डा.दिलीप पांढरपट्टे, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी.रंगनाथन, उप वनसंरक्षक जी.के.अनारसे, उप विभागीय अधिकारी गणेश मिसाल, जिला अधिक्षक कृषी अधिकारी प्रकाश सांगले, तहसिलदार अमोल मोरे, तहसील कृषी अधिकारी श्री.गागरे, बोधगाव के सरपंच अविनाश पाटील सहित पंचक्रोशी के ागरिक बड़ी संख्या में मौजुद थे। मंत्री शिंदे ने आगे कहा कि जलयुक्त परिसर अभियान के चलते पीने के पानी सहित खेती के लिये पर्याप्त स्वरूप में शाश्वत जलभंडार निर्माण हुए है।
इन जलस्त्रोतों का स्थानिय किसानों ने लाभ लेकर खेती व्यवसाय को आधुनिक तकनीकिज्ञान से जोड़कर उत्पादीत की हुई भिंडी सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारपेठ निर्यात होने से तहसील का यह उपक्रम निश्चित ही आदर्श साबित होगा। ऐसा विश्वास भी उन्होने व्यक्त किया। इस दौरान बोधगांव के सरपंच अविनाश पाटील ने समस्त ग्रामीणों की ओर से मंत्री प्रा. राम शिंदे का भिंडी देकर सम्मान किया। इस समय सर्वप्रथम बाबरे के साठवण बांध का जलपुजन जलसंधारण मंत्री राम शिंदे के हाथों किया गया। बाद में बोधगांव परिसर के वाघी नाले के जलस्त्रोत का जलपुजन किया गया। तथा नरव्हाल परिसर में वनविभाग की ओर से जलयुक्त परिसर अभियान अंतर्गत तैयार किये गए गहरे, खोल, सीधे समतल चर इन कामों का अवलोकन मंत्री शिंदे ने किया।
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