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एक बच्ची की सतर्कता से पकड़ा गया ब्लू व्हेल बनानेवाला : 130 की ले चुका है जान

Tez Samachar by Tez Samachar
August 15, 2017
in Featured, देश
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एक बच्ची की सतर्कता से पकड़ा गया ब्लू व्हेल बनानेवाला : 130 की ले चुका है जान

मुंबई. पिछले कुछ दिनों से पूरी दुनिया ब्लू व्हेल नामक गेम से आतंकित है. यह गेम अब तक करीब 130 बच्चों की जान ले चुका है. पिछले दिनों मुंबई में 9वीं क्लास के एक स्टूडेंट ने इसके चक्कर में जान दे दी. फिर पुणे और इंदौर जैसे शहरों से भी बच्चों के ब्लू व्हेल के झांसे में आने की खबरें आईं. बच्चे इसे गेम मानकर इसके जाल में फंस रहे हैं. सोशल मीडिया पर ब्लू व्हेल एेप तलाशे जा रहे हैं, लेकिन असल में यह न तो गेम है और न ही एेप है. यह अपराधी किस्म के लोगों का एक ट्रैप है. ‘ब्लू व्हेल’ के पीछे दिमाग है मास्को के फिलिप बुडेईकिन का. फिलिप पिछले दिनों मास्को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है और वह तीन साल की सजा काट रहा है.
फिलिप को पकड़ने वाली जांच एजेंसी के प्रमुख एंटॉन ब्रीडो बताते हैं कि इसकी शुरुआत 2013 में तब हुई. जब फिलिप ने वीके (यूराेप में लोकप्रिय सोशल मीडिया) पर बच्चों को आकर्षित करने के लिए एक ग्रुप बनाया- एफ 57. ‘इस पर जुड़ने वालों को फिलिप हॉरर वीडियो दिखाता था. उसका मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को फंसाना. वह जानता था कि हजारों व्यूअर्स के ग्रुप में उसके असली शिकार सिर्फ 20-30 ही होंगे. फिलिप बच्चों को छोटे-छोटे, लेकिन खतरनाक टास्क देता. जैसे इमारत की मुंडेर पर संतुलन बनाते हुए चलना, जानवरों को मारकर उनका वीडियो पोस्ट करना. कई बच्चे तो इसी स्टेज पर ग्रुप को छोड़ देते थे. इसके बाद भी जो बच्चे ग्रुप में बने रहते, उन्हें स्पेशल फील कराया जाता. यानी बच्चों को लगता था कि वे इतने खास हैं कि उन्हें ग्रुप में अपनी पोजीशन बनाकर रखनी होगी. ऐसा करने के लिए वे सबकुछ करते. 50 दिन यह सिलसिला चलता है, जब तक कि वो जान न दे दें. ब्रीडो बताते हैं कि 2015 तक रूस में 15 बच्चों ने इसके झांसे में सुसाइड किया था, लेकिन इनमें सभी ने सोशल मीडिया ग्रुप एडमिन के कहने पर सारा कंटेंट अपने मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट कर दिया था. फिर एक लड़की की वजह से जांच एजेंसी को फिलिप के खिलाफ कई सबूत मिल गए. बाकी टीनेजर्स की तरह वह लड़की भी सोशल नेटवर्क पर काफी समय बिताती थी. डरावनी तस्वीरों के लिंक क्लिक करते-करते वह भी फिलीप द्वारा चलाए जा रहे सुसाइड ग्रुप तक पहुंची थी. लड़की ने जांच एजेंसियों को बताया कि इंटरनेट पर ऐसे हजारों ग्रुप हैं. औरों की तरह उसे भी कई टास्क दिए गए थे, जो उसने पूरे किए थे. इसी दौरान उसका कॉन्टेक्ट फिलिप से हुआ. लड़की को एक छोटे से ऑनलाइन ग्रुप से जुड़ने का इन्विटेशन भेजा गया. इसके बाद हर आधी रात को लड़की के फोन पर हॉरर वीडियो आने लगे, जिसमें टीनेजर्स को ऊंची इमारतों से कूदते दिखाया जाता. छोटे बच्चों के राेने की आवाजों से भरे इन वीडियो से वह काफी तंग आ चुकी थी. लड़की ने बाद में जांचकर्ताओं को बताया कि उसकी स्थिति ऐसी थी कि या तो वह खुद की जान दे दे या किसी और की जान ले ले. जब भी वह ग्रुप छोड़ने की बात करती, उसे एडमिन की तरफ से धमकी भरे और गंदे मैसेज आते. जब उसे आखिरी स्टेप उठाने की बात कही गई तो वह घबरा गई, लेकिन तब फिलिप जान देने के ऑप्शंस के साथ तैयार था. उसे कहा गया कि अगर उसे ऊंचाई से कूदने में डर लगता है तो वह ट्रेन के आगे खड़ी हो सकती है. और इससे भी डर लगता है तो वह नींद की गोलियां खाकर हमेशा के लिए सो सकती है. संयोग रहा कि इस लड़की को समय रहते बचा लिया गया और बाद में फिलिप को पकड़ लिया गया. फिलिप ने बताया कि उसने इसका नाम ब्लू व्हेल इसलिए रखा, क्योंकि ब्लू व्हेल समुद्र में किनारे पर मरने के लिए आती है.
दरअसल, 10-11 अगस्त को महाराष्ट्र के सोलापुर में 14 साल का बच्चा ब्लू व्हेल गेम का स्टेज पूरा करने घर छोड़कर पुणे जा रहा था. माता-पिता के लिए छोड़े नोट में बच्चे ने लिखा था, ‘मैं पुणे जा रहा हूं. मेरी लौटने की कोई योजना नहीं है.’ हालांकि, समय रहते पुलिस ने उसे ढूंढ लिया था.
30 जुलाई को मुंबई के अंधेरी ईस्ट की शेर-ए-पंजाब कालोनी में 14 साल के मनप्रीत सिंह साहनी ने 5 मंजिला इमारत से कूदकर जान दे दी. आशंका जताई जा रही है कि उसने ‘ब्लू व्हेल’ गेम का टास्क पूरा करने के लिए यह कदम उठाया.
उसने 9वीं कक्षा में पढ़ रहे अपने दोस्त को संदेश भेजा था ‘मैं बिल्डिंग से कूद रहा हूं.’ इस गेम की वजह से दुनियाभर में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है.
– गेम को भारत में बैन करने की उठ रही मांग
ब्लू व्हेल गेम को पूरी तरह से बैन करने की मांग पूरे भारत से उठ रही है. लोग अब अपने बच्चों पर ध्यान रखने लगे है, खास कर जिन बच्चों को गेम खेलने की लत है. ब्लू व्हेल गेम को लेकर बच्चों के साथ हो रहे हादसे रोकने के लिए केरल ने केंद्र सरकार से इस गेम पर रोक लगाने की अपील की है. वहीं, मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी कहा है कि हम भी केंद्र सरकार से इस गेम पर बैन लगाने की मांग करेंगे. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि पुलिस ने पैरेंट्स के लिए जरूरी अलर्ट जारी किए हैं. बच्चों और माता-पिता को आगाह करने के लिए कैंपेन चलाएंगे. माकपा विधायक राजू इब्राहिम ने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक केरल में कम से कम 2000 बच्चे यह खतरनाक गेम डाउनलोड कर चुके हैं.

Tags: ब्लू व्हेल गेम
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