मुंबई (तेज समाचार प्रतिनिधि):अमन सिंह और मगर सिंह पर इमिग्रेशन अधिकारियों को तब शक हुआ, जब उन्होंने उन्हें पंजाबी भाषा में बात करते सुना। उनके पासपोर्ट्स पर गुजराती नाम लिखे थे लेकिन वे बातें पंजाबी में कर रहे थे। जब अधिकारियों ने उन्हें बुलाकर गुजराती बोलने को कहा तो वे नहीं बोल पाए। साफ हो गया कि दोनों फर्जी पासपोर्ट पर देश से बाहर जाने की फिराक में थे।दोनों बैंकॉक की फ्लाइट पकड़ने वाले थे और उनके पासपोर्ट्स पर गुजराती नाम लिखे थे लेकिन वे बातें पंजाबी में कर रहे थे।
जांच में पता चला है कि दोनों बैंकॉक में अपना कारोबार शुरू करने वाले थे और वहां सेटल होने के बाद उन दोनों का प्लान यूके शिफ्ट होने का था।
उन्हें किसी ने सलाह दी थी कि थाइलैंड से वीजा लेना भारत के मुकाबले आसान है। अब पुलिस को शक है कि जिस एजेंट ने दोनों के फर्जी पासपोर्ट बनवाए, उसके तार किसी बड़े रैकेट से जुड़े हैं।