काकामिगहरा (जापान) – भारत की महिला हॉकी टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखते हुए रविवार को फाइनल में चीन को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराकर एशिया कप महिला हॉकी स्पर्धा के खिताब पर कब्जा जमाया. भारत ने इसी के साथ 13 साल बाद महिला हॉकी एशिया कप का ख़िताब जीता. भारत ने इससे पहले वर्ष 2004 में दिल्ली में यह खिताब जीता था . भारत विश्व कप के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुका है .
रविवार को फाइनल में निर्धारित समय तक भारत और चीन दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थी. भारत की ओर से नवजोत कौर ने 27 वें मिनट में मैदानी गोल करते हुए भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई. तीसरे क्वार्टर में चीन बराबरी नहीं कर पाया. लेकिन 47 वें मिनट में तियानतियान लुयो ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागते हुए चीन को 1-1 की बराबरी पर ला खड़ा किया . निर्धारित समय तक मैच 1-1 से बराबर रहने के कारण मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट पर निर्भर हो गया, जिसमें भारत ने बाजी मारी.
पेनल्टी शूटआउट में भी मामला रोचक हो गया. भारत और चीन 4-4 से बराबर थे. ऐसे में सडनडेथ का सहारा लिया गया, इसमें भारत की तरफ से रानी ने गोल दागा, जबकि चीनी खिलाड़ी गोल करने का मौका चूक गई और भारत ने 5-4 से खिताब अपने नाम कर लिया.
विशेष बात यह रही की भारतीय महिला टीम पूरे टूर्नामेंट में विजेता रही. भारत ने ग्रुप मैचों में विजयी रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान को 7-1 से और सेमीफाइनल में गत विजेता जापान को 4-2 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई .
इससे पहले वर्ष 2009 में बैंकॉक फाइनल में भारत को चीन के हाथों 3-5 से हार मिली थी. जबकि पिछली बार 2013 में कुआलालंपुर में हुए टूर्नामेंट में भारत तीसरे स्थान पर रहा था. ऐसे में भारतीय टीम ने आठ साल पहले इसी टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में मिली हार का चीन से हिसाब बराबर कर लिया.