औरंगाबाद. शिवसेना के कद्दावार नेता तथा जालना के विधायक एवं वस्त्रोद्योग राज्यमंत्री का पदभार संभाले रहे अर्जुन खोतकर का विधायक पद मुुंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद खंडपीठ ने रद्द किया है.2014 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में नामांकन पत्र भरने के अंतिम दिन समय गुजरने के बाद नामांकन पत्र भरने को लेकर हाईकोर्ट ने खोतकर को विधायक पद से हटाया है. हाईकोर्ट के इस निर्णय से शिवसेना को करारा झटका लगा है.
शुक्रवार की सुबह औरंगाबाद खंडपीठ में विधानसभा चुनाव में खोतकर के सामने कांग्रेस से चुनाव लड़कर हार का सामना कर चुके कैलास गोरंटयाल द्वारा दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पीवी नलावड़े ने यह निर्णय दिया. गौरतलब हैं कि 2014 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अर्जुन खोतकर ने शिवसेना की ओर से चुनाव आयोग द्वारा तय समय के बाद नामांकन पत्र भरा था.इसको लेकर कांग्रेस उम्मीदवार गोरटंयाल ने आक्षेप जताकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.हाईकोर्ट के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खोतकर ने कहा कि तांत्रिक मुद्दों को लेकर न्यायालय ने मेरा विधायक पद रद्द करने का निर्णय लिया है.उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने 3 बजे तक नामांंकन पत्र भरने के लिए समय दिया था. उस समय मैं नामांकन भरने के कतार में खडा था.जो कतार में हैं, उसका नामांकन पत्र स्वीकारा जा सकता है. इसको लेेकर ही कुछ तांत्रिक मुददो पर हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है. हाईकोर्ट इस निर्णय को मैं जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में आवाहान दूंगा.यह जानकारी खोतकर ने दी. उधर, याचिका दायर करनेवाले कैलास गोरंटयाल ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि खोतकर ने तय समय से कई मिनटों बाद नामांकन पत्र दाखिल किया था. नामांकन पत्र में भी कई त्रुटियां थी. इन त्रुटियों के सहारे ही हाईकोर्ट ने खोतकर का विधायक पद रद्द किया है.