लखनऊ (तेज समाचार डेस्क). आज दिन भर चली अटकलों पर पूर्ण विराम लगाते हुए बसपा सुप्रीमो ने खुलासा किया कि बसपा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं कर रही है. यदि जरूरत हुई तो 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले सपा या अन्य पार्टियों से गठबंधन का निर्णय लिया जाएगा, लेकिन फिलहाल बसपा का इरादा किसी के साथ भी गठबंधन का नहीं है. लेकिन मायावती ने यह भी स्पष्ट किया कि बसपा उस उम्मीदवार का समर्थन जरूर करेगी, जो भाजपा को हराने की कूवत रखता हो.
उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में बसपा से कोई भी उम्मीदवार न उतारने की बात कही. साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से उस उम्मीदवार का समर्थन करने को कहा जो भाजपा को हरा सकता हो. मायावती के ऐलान से यह साफ हो गया है कि उन्होंने औपचारिक रूप से सपा से गठबंधन भले न किया हो, लेकिन अपना पूरा समर्थन दे दिया है. इससे सपा को सीधे तौर पर फायदा होगा और भाजपा के लिए गोरखपुर और फूलपुर के दोनों उपचुनावों में खासी मुश्किल हो सकती है.
रविवार को लखनऊ में मायावती ने अपने संबोधन में कहा कि यूपी में हाल ही में राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद में होने वाले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सपा और बसपा ने एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर कर दिए जाते हैं तो यह कोई चुनावी गठबंधन नहीं है.
इससे पहले हुई बैठक में फूलपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन दिए जाने पर चर्चा हुई. बैठक के बाद सपा के उम्मीदवार को समर्थन देने का एलान कर दिया गया. उधर गोरखपुर में भी मंगलम मैरज हाउस में बसपा का सम्मेलन हुआ और सम्मलेन के बाद बसपा ने गोरखपुर से सपा उम्मीदवार को समर्थन देने का एलान कर डाला. एलान से पहले बसपा की बैठक में समाजवादी पार्टी को गोरखपुर उपचुनाव में समर्थन करने पर चर्चा हुई. बैठक के बाद गोरखपुर में भी सपा को समर्थन देने का बसपा ने औपचारिक एलान कर दिया.