लखनऊ (तेज समाचार डेस्क). विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों की कर्ज माफी का वादा निभाते हुए सरकार ने किसानांे का कर्ज माफ कर दिया है. लेकिन फिर भी बैंक किसानों को उनके कर्ज की नोटिस भेज रही है. इस जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसली ऋण माफी योजना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे कर्जमाफी योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण अदायगी के लिए कोई नोटिस जारी न करें.
सरकार 2017-18 का बजट पास होने के तत्काल बाद लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण की माफ रकम के बराबर धन बैंकों को अदा कर देगी.सीएम योगी ने निर्देश दिया कि तत्काल राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक बुलाई जाए और इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित की जाए.
‘बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाए’
उन्होंने कहा कि राज्य में कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाए.
‘किसानों को कर्जमाफी के फायदे के बारे में बताएं’
सीएम योगी ने सभी ज़िलों के डीएम से कहा है कि बजट पास होते ही सब किसान के घर जाएं और उन्हें कर्जमाफी के फायदे के बारे में बताएं. जिन किसानों के कर्ज माफ़ होंगे उनके बैंक खातों को आधार से जोड़ने का आदेश भी सीएम ने दिए है.
बता दें कि वर्तमान सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लघु एवं सीमान्त किसानों के 31 मार्च, 2016 तक के एक लाख रुपए तक के फसली ऋण को माफ किए जाने का निर्णय लिया था.
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