पुणे (तेज समाचार डेस्क). बुधवार को बकरी ईद यानी ईद उल अजहा के त्योहार पर केरल में आयी महाप्रयल का असर देखा गया. केरल में प्रलयकारी बाढ़ ने 400 से भी ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, वहीं करीब 10 लाख लोगों को बेघर कर दिया है. चारों ओर से केरलवासियों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं. इसी बीच आज बकरीद पर भी इस विपदा का साया नजर आया. पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में बसे कई केरलवासी मुस्लिमों ने आज बकरीद का त्योहार न मनाने का फैसला किया. वहीं कई परिवारों ने इस त्योहार को सादगी से मनाया.
केरल राज्य में बीते सौ साल में नहीं हुई इतनी वर्षा हुई है. राज्य के अधिकांश जिले बाढ़ की चपेट में आये हैं. अब तक 400 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दस लाख से ज्यादा लोग घर से बेघर हो गए हैं. इस प्रलयकारी बाढ़ से केरल राज्य की अपरिमित हानि हुई है. उद्योग क्षेत्र के संगठन सर्वोच्च एसोचैम ने इस बाढ़ से केरल को हुए नुकसान का आंकड़ा 20 हजार करोड़ से पार बताया है. देशभर से केरलवासियों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ रहे हैं. विदेशों से भी राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने भी 20 करोड़ की मदद राशि की घोषणा की है.
केरल पर आई इस विपदा के बीच ही बुधवार को देशभर में बकरीद मनाई जा रही है. मुस्लिम समुदाय के लिए इस त्योहार का अपना अलग महत्व है. हालांकि त्योहार की इस खुशी में वे केरल के दुख को नहीं भुला पा रहे हैं. पुणे और पिंपरी चिंचवड़ शहरों में बसे मूल केरल निवासी मुस्लिम परिवारों में से अनेक लोगों ने आज यह त्योहार न मनाने का फैसला किया वहीं कई परिवारों ने बड़ी सादगी से इस त्योहार को मनाया. केरल पर आए संकट के चलते बकरीद न मनाने का फैसला करनेवाले पिंपरी चिंचवड़ के होटल व्यवसायी बशीर शेख ने हमारे संवाददाता को बताया कि, केरल पर आई इस विपदा के चलते त्योहार मनाने की इच्छा ही नहीं रही. खुदा केरलवासियों को इस संकट से बाहर निकलने में मदद करे, मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करे, यही हमारी प्रार्थना है.