अहमदनगर. कर्जत तहसील के कोपर्डी गांव में 13 जुलाई 2016 को तीन लोगों ने 9वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ बलात्कार कर उसकी नृशंस हत्या कर दी थी. यह घटना कोपर्डी निर्भया कांड के नाम से चर्चा में रही. इस मामले में बुधवार को सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. सेशन कोर्ट की जज सुवर्णा केवले ने सिर्फ पांच मिनट में सुनाई. मामले की सुनवाई सुबह 11.30 बजे हुई. अहमदनगर सेशन कोर्ट ने कोपर्डी गांव की 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था. नाबालिग लड़की के साथ पिछले साल हुई इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
– क्या हुआ था आज
बुधवार को कोपर्डी निर्भया हत्याकांड के तीनों आरोपियों जितेंद्र शिंदे, संतोष भवाल और नितिन भैलुमे को सुबह 11 बजे कोर्ट में लाया गया. कोर्ट के बाहर 1000 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे. वहीं सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया. कोपर्डी और कर्जत में बंद का एलान किया गया. दोनों गांव में सुबह से सन्नाटा छाया हुआ था. सेशन कोर्ट में आरोपियों क्या सजा सुनाई जाती है इस पर पूरे राज्य का ध्यान लगा हुआ था. पीड़ित परिवार ने आरोपियों को फांसी की सजा मिलने की मांग की थी. वहीं सरकारी वकील उज्जवल निकम ने भी आरोपियों को फांसी की सजा मिलने की मांग की थी. निकम ने कहा था कि समाज में गलत संदेश न जाए इसलिए उन्हें फांसी मिलनी चाहिए.
– फैसला सुनते ही रो पड़ी पीड़ित की मां
कोर्ट फैसला सुनते ही पीड़ित निर्भया की मां रो पड़ी औऱ कहा कि उसकी बेटी को इंसाफ मिला है लेकिन अब अपनी बेटी से कभी नहीं मिल सकती. वहीं पीड़ित के भाई ने कहा कि आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी होनी चाहिए, तभी मेरी बहन के साथ वास्तविक न्याय होगा.
– रविवार को भी चली थी कोर्ट की कार्यवाही
अहमदनगर जिला न्यायाधीश सुवर्णा केवल जितेंद्र बाबूलाल शिंदे (25), संतोष गोरख भवाल (30) और नितीन गोपीनाथ भैलुमे (26) को दोषी करार दिया. कोपर्डी मामले में कोर्ट के सामने 24 सबूत पेश किए गए और 31 गवाहों से जिरह हुई. इनमें मृत लड़की के पिता, बहन, चाचा, दादा, सहेली, डॉक्टर, जांच अधिकारी की गवाही महत्वपूर्ण रही. मामले का फैसला जल्दी हो इसके लिए एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने लगातार तीन दिन तक कोर्ट में बहस की. रविवार को छुट्टी के दिन भी कोर्ट की कार्यवाही चली.
– आरोपियों के वकील की दलील
नितीन भैलुमे के वकील प्रकाश आहेर ने बताया कि नितीन की उम्र 26 साल है और उसका परिवार उस पर निर्भर है. उसका रेप या हत्या से कुछ संबंध नहीं है. मेडिकल रिपोर्ट में भी इस कांड में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है. इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए. मुख्य आरोपी जिंतेंद्र शिंदे के वकील योहान मकासरे ने कोर्ट में बताया था कि दोषी को फांसी की बजाय उम्रकैद की सजा दी जाए. शिंदे ने बताया कि उसने लड़की की हत्या नहीं की है. लेकिन न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए तीनों अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई.
– यह है पूरा मामला
कर्जत तहसील के कोपर्डी गांव में 13 जुलाई 2016 को तीन लोगों ने एक नाबालिग से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी. पीड़िता मराठा समुदाय से थी. तीनों दोषियों ने पीड़िता की हत्या करने से पहले उसको बुरी तरह पीटा था. पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान पाए गए थे. कोपर्डी के निर्भया कांड के नाम से राज्यभर में मोर्चे निकाले गए और अपराधियों को सजा-ए-मौत देने की मांग की गई. घटना की गंभीरता को देखते सरकार ने इस मामले में वरिष्ठ सरकारी वकील एडवोकेट उज्जवल निकम को मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया था.