पुणे (तेज समाचार डेस्क) 1 जनवरी को कोरेगांव-भीमा गांव से भड़के दंगे ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया था. इस दंगे के लिए दोषी माने जा रहे मिलिंद एकबोटे की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद बुधवार को पुलिस ने हिंदू एकता अगाड़ी के अध्यक्ष मिलिंद एकबोटे गिरफ्तार कर लिया है. मिलिंद की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष अब इस मामले के दूसरे आरोपी भिड़े गुरुजी की भी जल्द ही गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि भिड़े गुरुजी की गिरफ्तारी कब होगी.
एकबोटे पर कोरेगांव हिंसा मामले में एट्रोसिटी एक्ट, जानलेवा हमला करने, दंगा भड़काने और धारा 144 उल्लंघन करने का मामला दर्ज है. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के पोते और भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने आरोप लगाया था कि 56 वर्षीय मिलिंद एकबोटे ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था. मामला दर्ज होने के बाद से मिलिंद एकबोटे फरार चल रहे थे.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में केस दर्ज होने के बाद मिलिंद एकबोटे ने 22 जनवरी को पुणे के जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली. इसके बाद पुणे ग्रामीण पुलिस ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया था.
मिलिंद के घर और रिश्तेदारों के यहां पुलिस ने कई छापे डाले लेकिन एकबोटे का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. जिसके बाद वे खुद कुछ दिन पहले पुलिस के सामने सरेंडर हुए थे.
– बीजेपी नगरसेवक रह चुके है एकबोटे
पुणे में रहने वाले 56 वर्षीय मिलिंद एकबोटे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं. मिलिंद एकबोटे साल 1997 से 2002 के बीच पुणे महापालिका में बीजेपी के पार्षद भी रहे हैं. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे साल 2007 में निर्दलीय चुनाव लड़ें. हालांकि इस बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद उन्होंने हिंदू एकता मंच की स्थापना की. वेलेंटाइन डे के विरोध को लेकर उनका संगठन कई बार सुर्खियों में आया.
– शिवसेना के टिकट पर बीजेपी के खिलाफ उतरे थे चुनाव में
2014 में मिलिंद एकबोटे ने पुणे के शिवाजीनगर क्षेत्र से शिवसेना के टिकट पर एमएलए का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी के विजय काले ने उन्हें हराया. हालांकि मिलिंद एकबोटे की भाभी जोत्सना एकबोटे पिछले साल पुणे महापालिका के चुनाव में बीजेपी की टिकट पर पार्षद का चुनाव जीती हैं. मिलिंद के भाई गजानन एकबोटे एक एजुकेशनल संस्था चलाते हैं.