दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). यदि आपके पास कार है और आप उसका इस्तेमाल कम ही करते है, तो अपनी कार को यूं बेकार पड़ी मत रहने दीजिए. क्योंकि प्राइवेट कैब कंपनियां ओला और ऊबर आपको कमाई का मौका उपलब्ध करा रही है. जी हां, ओला-ऊबर के प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल कर आप अपनी कार से कमाई भी कर सकेंगे. लेकिन अभी फिलहाल आपको थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन आप इसके लिए तैयार जरूर रहिए. सरकार टैक्सी परमिट नियमों को आसान बनाने की तैयारी में है. इसके तहत ऊबर और ओला जैसे टैक्सी एग्रीगेटर्स के जरिए निजी कारों को टैक्सी सेवाएं देने की अनुमति दी जा सकती है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे देशों में ऊबर को राइड-शेयरिंग के लिए निजी कारों का इस्तेमाल करने की अनुमति है और इसी योजना पर भारत सरकार भी विचार कर रही है.
– समिति ने सौंपी रिपोर्ट
इस बारे में उच्च-स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस समिति को देश की परिवहन व्यवस्था में सुधारने के रास्ते बताने के लिए गठित किया गया था. इसी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स परमिट के नियमों को शिथिल किया जा सकता है. इससे कंपनियों के लिए प्राइवेट कारों को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने में सहूलियत होगी. इस रिपोर्ट को विभिन्न मंत्रालय और नीति आयोग के प्रतिनिधियों के सहयोग से बनाया गया है.
– यात्रियों की सुरक्षा सबसे अहम
रिपोर्ट में साफ किया गया है कि इस तरह की व्यवस्था में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए. रिपोर्ट में चेतावनी दी गर्इ है कि अभी टैक्सी एग्रीगेटर की सीमित संख्या से एकाधिकार का खतरा पैदा हो सकता है. एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि इस मामले से जुड़े लोगों की चिंता को बातचीत के माध्यम से दूर करने की जरूरत है.
– ऊबर-ओला स्वीकार कर सकती है यह प्रस्ताव
ऊबर और ओला जैसी कंपनियां इस प्रस्ताव का स्वागत करेंगी. बीते महीने र्इटी के साथ बातचीत में ऊबर के ग्लोबल सीर्इओ दारा खोसरोवशाही ने कहा था कि उनकी कंपनी प्राइवेट कार-शेयरिंग का समर्थक है. इसका फायदा उठाया जा सकता है. दिल्ली का उदाहरण देते हुए खोसरोवशाही ने कहा था कि यहां 70 फीसदी कारों में सिर्फ एक यात्री बैठा होता है. प्राइवेट कार-शेयरिंग से कार रखने वाले कई लोगों के लिए कमार्इ का अवसर खुलेगा. इससे भीड़-भाड़ से निपटने का रास्ता भी खुल सकता है. बीते महीने सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सड़क और सार्वजनिक परिवहन में निजी वाहनों की संख्या नियंत्रित करने की जरूरत है. इसमें नर्इ टेक्नॉलजी की मदद ली जा सकती है.