जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). 2019 केंद्र कि मोदी सरकार का आखिरी चुनावी साल होगा वहि सहयोगी दल शिवसेना के समर्थन से चल रहि सुबे कि फडनवीस सरकार को किसी भी वक्त विधानसभा के आम चुनावो के लिये जनता के बीच जाना पड सकता है . ऐसे मे एजन्सीयो द्वारा सरकार के कई मंत्रीयो के वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड का संकलन आरंभ हो गया है . इस बीच जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन के निर्वाचन क्षेत्र मे चलायी जा रहि सिंचायी कि विभिन्न योजनाओ के कार्यान्वयन को लेकर जनता मे कौतुहल इस लिए भी है क्यो कि मंत्रीजी किसानो को लेकर खेती के लिये पर्याप्त बिजली और सिंचायी के लिए मुफीद जलव्यवस्थापन के हमेशा पक्षधर रहे है . 2011 से वाघुर विभाग कि ओर से चलायी जा रहि लिफ़्ट इरीगेशन परीयोजना के कई महत्वपूर्ण पहलुओ कि समीक्षा से यह पता चलता है की चुनावी साल के आखिरी तक भी इस योजना का काम शायद हि महज 60 फीसद तक पुरा हो पाएगा . वाघुर डैम से जैकवेल के जरीये उठाया गया पानी पाईपलाईनो के जरीये नेरी जिला परीषद गुट के सभी गांवो समेत पहुर के टाकली और वाघारी पंचायत गण के गारखेडा , लहासर , खडकि जैसे करीब कुल 40 गांवो के खेती को मुहैय्या कराया जाना है , गोंडखेल इलाके मे निचे तक सख्त जमीन होने के कारण तकनीकि संसाधनो और विकासको ने हार मान ली है बावजुद इस के योजना के दो फ़ेज पुरे हो गए है .कुछ हद तक पाईप लाईने बिछायी जा चुकि है , सामुहिक तालाबो से किसानो को पानी उपलब्ध कराने पर प्रशासन का मंथन जारी है .
वहि दूसरी ओर भ्रष्टाचार कि भेंट चढ चुकि पेयजल योजनाओ मे हुयी धांदली के कारण क्षेत्र के कई गांवो मे हर साल उभरती भीषण जलकिल्लत बरकरार है , ऐसे मे रबी के बाद सिंचायी के लिए पानी के अभाव से किसानो को अपनी जमीने मान्सून तक खाली हि रखनी पडती है . राजस्व विभाग के आंकडो के मुताबीक बीते पांच बरसो मे तहसिल मे किसान आत्महत्याओ का ग्राफ काफी बढा है . अब लिफ़्ट जैसी उक्त इलाको के लिए लाभदायक योजना के काम मे हो रहि लेटलतिफी से किसानो मे मायूसी का माहौल है , आखिर चुनावी साल मे यह योजना कार्यान्वीत हो पाएगी कि नहि ऐसे सवाल लोगो मे पुछे जाने लगे है .

