सुदर्शन चक्रधर महाराष्ट्र के मराठी दैनिक देशोंनती व हिंदी दैनिक राष्ट्र प्रकाश के यूनिट हेड, कार्यकारी सम्पादक हैं. हाल ही में उन्हें जीवन साधना गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपने बेबाक लेखन से सत्ता व विपक्ष के गलियारों में हलचल मचा देने वाले सुदर्शन चक्रधर अपनी सटीक बात के लिए पहचाने जाते हैं. उनके फेसबुक पेज से साभार !
इस ‘शीर्षक’ से जिनको भी आपत्ति हो, वे पहले नीरव मोदी (11,394 करोड़) और विक्रम कोठारी (3,695 करोड़) जैसे घोटालेबाजों की रिश्तेदारी देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों – मुकेश अंबानी तथा गौतम अडानी के साथ जांच-परख लें. नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के साथ इनकी रिश्तेदारी होने का यह मतलब नहीं कि ये दोनों भी ‘महाडकैत’ ही हैं! लेकिन डकैतों के रिश्तेदार तो हैं ही! मुकेश अंबानी की सगी भांजी इशिता की शादी नीरव मोदी के सगे भाई निशल मोदी से हुई है. इस लिहाज से निशल-नीरव, मुकेश अंबानी के भांजे-जमाई हैं …यानी दामाद हैं. ये दोनों विदेश भाग चुके हैं. उसी प्रकार मोदी की एक कंपनी ‘फायरस्टार’ का चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर विपुल अंबानी, मुकेश अंबानी का चचेरा भाई है. यानी देश के सबसे बड़े नटवरलाल से मुकेश अंबानी का सीधा कनेक्शन है, और मुकेश की पहुंच सत्ता-शीर्ष में कितनी है? यह बताने की जरूरत नहीं है.
देश के दूसरे बड़े उद्योगपति हैं गौतम अदानी. किसानों की जमीन सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर हड़पने में इनका कोई सानी नहीं है. ये वही गौतम अदानी है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 3000 करोड़ का लोन स्वीकृत किया था, मगर बवाल मचते ही वह लोन रद्द कर दिया गया. तब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने गौतम अदानी और स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति से आमने-सामने की बैठक करवाई थी. इसी गौतम अदानी के सगे भाई विनोद अदानी के बेटे प्रणव अदानी से 3695 करोड़ के ‘रोटोमैक’ घोटालेबाज विक्रम कोठारी की बेटी नम्रता कोठारी की शादी हुई है. उसी प्रकार गौतम अदानी की भतीजी (विनोद अदानी की बेटी) कृपा अदानी की शादी उस सूरज मेहता से हुई है, जो 7000 करोड़ के ‘विस्डम डायमंड घोटाले’ के मुख्य आरोपी जतिन मेहता का बेटा है! यानी यहां भी खून का रिश्ता है. जतिन मेहता भी आजकल फरार ही है.
मतलब यह कि ये सारे घोटालेबाज, मोदी सरकार के इर्द-गिर्द घूमने वाले देश के बड़े उद्योगपतियों के सगे-संबंधी हैं! जाहिर है, सरकारी संरक्षण में ही इन नटवरलालों ने देश के बैंकों को अपने बाप की जागीर समझ कर लूट लिया! अब इनका क्या बिगड़ेगा? जब ‘सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का!’ वित्त मंत्री जेटली और प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों-इशारों में इन पर कड़ी कार्रवाई की बातें तो कीं, मगर विडंबना यह कि दोनों ने एक भी घोटालेबाज का नाम नहीं लिया! आखिर इनका नाम लेने में देश के कर्णधार क्यों डर गए? कहीं इन पर अंबानी-अदानी का अतिरिक्त प्रेशर (दबाव) तो नहीं? एक तो काला धन विदेश से लाने में ये लोग पूरी तरह विफल रहे, उलटे देश का ‘सफेद धन’ इनके पालित-पोषित उद्योगपतियों के रिश्तेदार गड़प कर विदेश भाग गए! क्या होगा अब उस देश का, जहां सारे बड़े सफेदपोशों के नामी रिश्तेदार, मौसेरे भाई बनकर देश की तिजोरी को खोखला कर रहे हैं!
भले ही अंबानी और अडानी सीधे तौर पर इन महाघोटालों से ना भी जुड़े हों, तो तब भी उक्त दोनों घोटालों के मुख्य आरोपियों (नीरव मोदी और विक्रम कोठारी) को इस बात की गारंटी तो रही होगी कि ‘हम चाहे कुछ भी कर डालें, देश को हजारों करोड़ से लूट लें, मगर सत्ता में सेंध लगाने वाले हमारे बड़े रिश्तेदार अंबानी- अदानी तो हमें बचा ही लेंगे! जाहिर है, अपने खून के रिश्तों को जेल जाने से बचाने के लिए देश के दिग्गज उद्योगपति एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. यह प्रकटत: सबके सामने नहीं दिख रहा है, मगर नीरव मोदी की तीखी चिट्ठी (“मैं बैंक का पैसा नहीं लौटाऊंगा”) से साफ होता है कि उसके पीछे देश की बहुत बड़ी ताकत खड़ी है! हमें तो यह भी लगता है कि बंदरों की तरह उछलकूद करने वाली ‘तोतानुमा एजेंसी’ इन दोनों केस को इतनी कमजोर चार्जशीट के साथ पेश करेगी, कि अदालत में इनके मुकदमे कहीं ठहरेंगे भी नहीं ….और ये ‘नटवरलाल’ टू-जी वाले राजा-कनिमोझी की तरह आसानी से बाइज्जत बरी भी हो जाएंगे!
– सुदर्शन चक्रधर 96899 26102
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