इन्सान की शक्ल में विचरने वाले हवस के भूखे भेड़ियों की भारत में कोई कमी नहीं है. आये दिन देश के हर कोने में ‘निर्भया कांड’ हो रहे हैं. कुत्सित समाज की कोख से हैवानों की घिनौनी शक्ल पैदा हो रही है. कानून का खौफ भी ऐसे वासना के पुजारियों को रोक पाने में असमर्थ दिख रहा है. मध्यप्रदेश और बिहार में जहां इस सप्ताह दुष्कर्मों की मानो श्रृंखला ही देखी-सुनी-पढ़ी गई, वहीं महाराष्ट्र में दो जिम्मेदार अधिकारियों ने कर्ज मंजूर करने के लिए दो अलग-अलग कृषक महिलाओं से सीधे ‘शरीर-सुख’ की मांग कर दी. कितना नीचे गिरता जा रहा है समाज! सामाजिक पतन की ऐसी घटनाएं मन को विचलित और दुखी कर देती हैं. सभ्य समाज का सबसे बड़ा दुख यही है कि अभद्र समाज के कलंकित चेहरे अब सभ्य महिलाओं से सीधे ‘शरीर-सुख’ की मांग करने लगे हैं. इसके अलावा कुछ पापियों ने तो ‘महा-सीएम’ की पत्नी से भी शर्मनाक मांग कर डाली! धिक्कार है ऐसे समाज-कंटकों का!
पहली घटना बुलढाणा जिले के मलकापुर की है. जहां एक किसान की पत्नी को फसल कर्ज मंजूर करने के लिए सेंट्रल बैंक (शाखा दाताला) के प्रबंधक राजेश हिवसे ने फोन पर अश्लील बातें कर सीधे ‘शरीर-सुख’ की मांग कर डाली. इसके साथ ही उक्त भेड़िए ने अपने चपरासी के जरिए उक्त महिला तक यह संदेश भी भिजवा दिया कि अगर वह राजी हुई, तो उसे फसल कर्ज के साथ ही अतिरिक्त पैकेज भी दिया जाएगा. सभ्य महिला ने उक्त मैनेजर का फोन टेप करके पुलिस में शिकायत कर दी. अंततः दोनों गिरफ्तार और निलंबित किए गए. ऐसी ही घटना की पुनरावृत्ति यवतमाल जिले के दारव्हा तहसील में हुई. यहां के जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक से संलग्न नायगांव सोसायटी के सचिव दादाराव इंगोले ने दुग्ध व्यवसाय के लिए पांच लाख का कर्ज मंजूर कराने के बदले एक महिला किसान से सीधे-सीधे ‘शरीर-सुख’ की मांग कर दी. साथ ही यह भी कहा, ‘तुम अगर मेरे काम आओगी, तो मैं तुम्हारा काम जल्दी कर दूंगा!’ शर्म नहीं आयी इस शैतान को ऐसी घिनौनी मांग करते हुए? आखिरकार इसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और संस्था ने भी निलंबित कर दिया.
तीसरा किस्सा इससे भी विचित्र है. ‘महा-सीएम’ की पत्नी सर्वत्र चर्चित हैं. वे गुणवान के साथ ही रूपवान भी हैं. फेसबुक सहित सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहती हैं. अक्सर अपने नयनाभिराम फोटो पोस्ट करती रहती हैं. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर उन्होंने ‘स्किन फिट’ ड्रेस पहनकर मनमोहक अंदाज में एक पेड़ से चिपकते हुए अपने कुछ फोटोग्राफ्स अपलोड किए, …तो लाखों की संख्या में उन्हें लाइक और कमेंट मिले, किंतु इसमें कई बेहद भद्दे और अश्लील भी थे. किसी ने ‘हॉट पिक’ तो किसी ने ‘वेरी सेक्सी’, तो कुछ ने ‘आई लव यू’ तक लिख डाला. जबकि ‘स्वानंद न्यूज़’ (यूट्यूब चैनल) के अनुसार एक फॉलोअर ने तो उनसे सीधे-सीधे ‘शरीर-सुख’ की कामना ही कर दी. क्या इस शैतान को पता नहीं था कि वह ‘महा-सीएम’ की पत्नी हैं? अगर वे वीवीआईपी नहीं भी होतीं, तो क्या किसी भी महिला से इस प्रकार की अश्लील मांग करना उचित है? अब पुलिस के साइबर सेल की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे पापी को तत्काल जेल की हवा खिलाए, लेकिन पुलिस भी बिना शिकायत के भला क्या करेगी?
अब कुछ सवाल. एक ओर हमारे प्रदेश का (खास कर विदर्भ का) किसान वैसे भी कर्ज के जंजाल से मुक्त होने के लिए छटपटा रहा है. वहीं अगर कोई महिला किसान कर्ज पाने के लिए अपने समुचित दस्तावेजों के साथ बैंकों में आवेदन करती है, तो क्या कर्ज देने के बदले सक्षम अधिकारी उससे ‘शरीर-सुख’ की मांग करने लगेंगे? क्या सभ्य समाज ऐसे वासनाखोरों की हरकतों को सहन करेगा? ऐसे पापी दरिंदों को बैंक में ही क्या, इस समाज और दुनिया में रहने का ही कोई अधिकार नहीं है. उसी प्रकार कोई चर्चित नारी या मॉडल अपने लुभावने अंदाज के मनमोहक फोटो फेसबुक पर डालती है, तो क्या उसके फॉलोअर्स उससे अश्लीलता की उम्मीद करेंगे? कितनी विकृत मानसिकता और घटिया सोच हो गई है इस पुरुष प्रधान समाज में हैवानों की! ऐसे ही पापियों के कारण एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी (थॉमसन रॉइटर्स फाउंडेशन) ने अपने विश्वव्यापी सर्वेक्षण में पाया कि महिला-सुरक्षा की दृष्टि से भारत दुनिया का सबसे खतरनाक देश है! अर्थात दुनिया भर में हमारी किरकिरी हो रही है… और हम आज भी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे लगाने में ही मस्त है. जिस देश में नारी को पूज्य माना जाता हो, वहां ऐसी घटनाएं मन को विचलित और आक्रोशित कर देती हैं. जरूरत है, हर घर की माताएं-बहनें और बहू-बेटियां अपने-अपने बेटे,पति और भाई-भतीजों को सभ्य नागरिक बनने की प्रेरणा दें.