त्रिपुरा (तेज समाचार डेस्क). विधानस्ाभा में भाजपा ने 25 सालों से चली आ रही वामपंथी सरकार का सफाया करते हुए एकछत्र सत्ता हासिल की है. सत्ता हाथ से जाने से वामपंथी पूरी तरह से बौखला गए है. परिणाम स्वरूप 3 मार्च को चुनावी परिणाम आने के बाद से त्रिपुरा में हिंसक झड़पे शुरू हो गई है. पिछले तीन दिनों में करीब 770 झड़पें दर्ज हुई है, जिसमें 1 हजार से अधिक लोग जख्मी हो गए है, तो लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. प्रदेश के कुछ जिलों में धारा 144 लागू कर केंद्रीय बल भी तैनात कर दिए गए है. इसी बीच बेलोनिया में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद मंगलवार को झड़पें तेज हो गईं. मंगलवार को सबरूम मोटर स्टैंड पर लेनिन की एक और मूर्ति गिरा दी गई.
– आरोप-प्रत्यारोप का दौर
वामपंथी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के समर्थक उनके कार्यालयों को ही नहीं, बल्कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बना रही है. घटना पर सीपीआई(एम) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है. साथ ही वामपंथी कैडरों और दफ्तरों पर हुए हमलों की लिस्ट जारी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर उनके कार्यकर्ताओं को डराने और उनके मन में खौफ पैदा करने का आरोप लगाया है.
अगरतला से सीपीएम के पूर्व विधायक झुमु सरकार ने बताया कि उन्हें हर रोज़ हमले की धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने बताया कि झुमु सरकार के घर से कुछ दूरी पर स्थित लंगा पाड़ा में सीपीएम समर्थक की दुकान में आग लगा दी गई.वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीपीएम वालों के पास कोई और मुद्दा नहीं रह गया है. वो हमें बदनाम करना चाहते हैं. सीपीएम के कार्यालयों को तोड़ा गया उसमें भी सीपीएम का ही हाथ था.
– गृहमंत्री ने दिए हिंसा रोकने के निर्देश
मूर्तियों को तोड़े जाने से भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राॅय और डीजीपी ए.के. शुक्ला को हिंसा रोकने के निर्देश दिए. हिंसा के लिए भाजपा व माकपा के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
– आतंकवादी था लेनिन : स्वामी
लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस घटना का समर्थन करते हुए कहा कि यह 25 वर्षों से दबी चिंगारी, जो आग का रूप ले रही है. लेनिन का भारत में किसी भी प्रकार का कोई योगदान नहीं था. फिर क्यों हमारे देश में उसकी मूर्ति चाहिए. राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि लेनिन आतंकवादी था भारत में उसकी मूर्ति का क्या मतलब?