जामनेर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):तहसिल की पहली नवनिर्मित शेंदुर्नी नगर पंचायत के लिए सितंबर मे आम चुनाव होने जा रहे है . लोकनियुक्त नगराध्यक्ष पद महिला ओबीसी के लिए आरक्षित है . चुनाव के मुहाने शहर मे आए दिन सामान्य बातो को लेकर घटने वाली आपसी रंजीशो का ग्राफ अपने चरम पर है . कल परसो हि देर शाम मात्र कीसी को मोटरसाईकिल का जरासा धक्का क्या लगा की दोनो गुट आमने सामने आ गए मामला सांप्रदायिक बनने की कगार पर हि था की पुलिस ने मध्यस्तता करते हुए दोनो पक्षो को शांत कीया दौरान पुलिस बल तैनात कर दिया गया था . उपविभागीय अधिकारी श्री केशव पातोंड ने गांव के माहौल की समीक्षा की . विदीत हो की औरंगाबाद प्रादेशिक विभाग की सिमारेखा से सटे और लगभग 18 हजार जनसंख्या वाले इस गांव की कानून व्यवस्था को उस पहुर थाने से संचालित कीया जाता है जिस पर फत्तेपुर , देऊलगाव गुजरी , तोंडापुर , पालधी , वाकोद जैसे बडे कस्बो के साथ करीब 60 छोटेबडे गांवो के कानून व्यवस्था कि जिम्मेदारी है . फत्तेपुर और शेंदुर्नी मे पहुर थाना अंकीत आउट पोस्ट है . सुत्रो के मुताबीक संतोषजनक खबर यह है की कई बरसो के बाद अब फत्तेपुर के लिए स्वतंत्र पुलिस स्टेशन सरकार ने मंजुर कराया है बावजुद कर्मीयो के रीक्त पद नहि भरे जा रहे है . फीलहाल 3 अधिकारी और 40 कर्मी हि कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे है . 27 जुन को हुए झगडे के बारे मे ग्रामीनो से पुछने पर वह कहते है की ” मारपीट के बाद पनपता तनाव यह गांव के लिए कोई नयी बात नहि है , दौरान बस हमे गांव के अमन की उम्मीद बनी रहती है जो तत्काल कायम भी हो जाती है ” सितंबर मे होने वाले पंचायत के पहले चुनाव के मुहाने कानून व्यवस्था पुलिस के लिए बडी चुनौती है .
कैदीपार्टी पहुर मे
जामनेर के मुख्य पुलिस थाने की इमारत का निर्माण कार्य आरंभ होने के कारण पुरानी वास्तू मे बना बंदी कक्ष क्षतीग्रस्त हो चुका है जिसके चलते हिरासत मे लिए गए आरोपीयो को पहुर थाने मे रखना पड रहा है वहा से उन्हे कोर्ट पेशी और रीमांड के लिए जामनेर लाना पड़ता है उसमे हि कर्मीयो को कई परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है .