मुंबई(तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए करनेवाली श्रुति मेहरोत्रा ने एक अरब डॉलर एयूएम वाली प्राइवेट इक्विटी की नौकरी छोड़कर अपने साथियों के साथ आई ट्रैवेलियो की शुरुआत की। एक स्टार्टअप के रूप में आई ट्रैवेलियो ने स्थापना के समय से ही लोगों को आकर्षित किया है। प्राइवेट इक्विटी की अनुभवी मेहरोत्रा बताती हैं कि भारत में यह पहली बार है, जब लोगों को घूमने, यात्रा करने, होटलों में रुकने जैसे सभी ट्रैवेल की समस्याओं से कोई स्टार्टअप निजात दिलाता है।
100 फीसदी प्रवर्तक होल्डिंग वाला यह स्टार्टअप सबसे उचित और प्रतिस्पर्धात्मक दर पर कर्ज मुहैया कराता है। सभी प्रक्रिया ऑनलाइन है और इसमें कोई कागजी झंझट नहीं है। न ही इसमें ग्राहकों के किसी क्रेडिट कार्ड की जरूरत है।
भारत में युवाओं की एक बड़ी संख्या है और अनुमान है कि साल 2020 तक 15-30 साल के युवाओं की संख्या 45 करोड़ से ऊपर हो जाएगी। ऐसे में देश में 25 करोड़ नए हवाई यात्रियों के बढ़ने का अनुमान है।मेहरोत्रा बताती हैं कि यदि किसी को विदेश में जाना है और उसके पास पैसे नहीं है, तो हम उसके क्रेडिट स्कोर को देखकर बिना किसी कागजात के कर्ज मुहैया कराते हैं। यह पर्सनल लोन की ब्याज दर के करीब होता है और यह कर्ज तुरंत मिल जाता है। इसमें हम क्रेडिट स्कोर को देखकर न्यूनतम और अधिकतम कर्ज की सीमा तय करते हैं।
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