जलगांव (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):उत्तर महाराष्ट्र विद्यापीठ की ओर से मे माह में विविध विद्याशाखा के ली गई ७८३ परिक्षा में से ५८० परीक्षा के परिमाण ३० दिन तथा २०३ परीक्षा के परिणाम ४५ दिनों के पहले जाहिर करनेवाले उमवि राज्य में पहला विद्यापीठ साबित हुए हैं। मंुबई विद्यापीठ का परिणाम अभी तक जाहिर नही हुआ हैं। ऐसे में उमवि ने समय से पहले परिमाण जाहिर करके अपना खुद का उमवि पॅटर्न निर्माण किया हैं। विद्यापीठ में विविध विद्याशाखा के अंतर्गत मार्च से मे माह में ली गई ७८३ परीक्षा में १ लाख ५८ हजार विद्यार्थी बैठे थे। १७ मार्च से ६ जून इन ८२ दिनों के कालावधी में सभा परीक्षा संपन्न हुई थी। इसमें एम.ए., एम.कॉम., विधी, अभियांत्रिकी और दवाईनिर्माणशास्त्र स्नातक व परस्नातक इन पाठक्रम के १ हजार ६६५ विषयों के प्रश्नपत्रिका का वितरण उमवि की ओर से ऑनलाईन तरीके से किया गया था। तथा उर्वरीत पाठक्रम की प्रश्नपत्रिका परीक्षा केंद्र तक पहुचाई गई थी। इसके लिए कुलपती प्रा.पी.पी.पाटील ने शुरूवात से परीक्षांयों का परिणाम जल्द से जल्द लगाने के लिए प्रयास किया।
फास्टट्रॅक पध्दत से 700 से जादा विद्यार्थियों का पूनर्मूल्यांकन
विद्यापीठ ने समय पर परिणाम घोषीत करने के साथ ही इस साल से परिणाम जाहीर होने के साथ पूनर्मूल्यांक के लिए फास्टट्रॅक पद्धत से ७०० से जादा विद्यार्थियों के परिणाम पुनर्मूल्यांकन किया हैं। बहूत बार विद्यार्थी एक विषय में फेल होने पर विद्यार्थी का पुनर्मूल्यांक के लिए तीन माह से जादा का समय लगता था। इसलिए विद्यार्थियों का परिणाम लगने पर विद्यार्थीयों का साल बरबाद होता था। लेकिन विद्यापीठ ने आगामी फास्टट्रॅक पद्धत से पुनर्मूल्यांकन करके विद्यापीठ ने विद्यार्थियों के लिए अच्छा निर्णय लिया हैं।