मुंबई. फिल्मी दुनिया में कई ऐसे लोग है, जो या तो हिन्दी बिल्कुल नहीं जानते या अच्छी हिन्दी नहीं बोल पाते. लेकिन जब काम हिन्दी में करना है, तो हिन्दी आना भी जरूरी है, इसलिए हमारे फिल्मी सितारें हिन्दी की ट्यूशन लगाते है. लेकिन क्या आप जानते है कि इन फिल्मी सितारों को या अन्य सेलिब्रिटीज को हिन्दी कौन सिखाता है. तो हम बताते है कि इन सेलिब्रिटीज के हिंदी टीचर है विनय शुक्ला. जी हां, विनय शुक्ला ने अभी तक कई नामी सेलिब्रिटीज के अलावा भी कई लोगों को हिन्दी की ट्यूटशन दी है.
बाहुबली समेत कई फिल्मों में अपनी अदाकारी दिखा चुकीं तमन्ना भाटिया, ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ से फेमस हुई भूमि पेडनेकर जैसी एक्ट्रेसेस समेत शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के दोनों बेटों आदित्य व तेजस भी हिंदी में कमजोर थे, लेकिन विनय शुक्ला की बदौलत आज उनकी भाषा पर अच्छी पकड़ बन गई है.
– हिन्दी की सेवा कर रहा हूं : विनय शुक्ला
हिंदी शिक्षक विनय शुक्ला कहते हैं कि यह कार्य कर मैं हिंदी की सेवा नहीं कर रहा बल्कि हिंदी मेरी सेवा कर रही है. पढ़ाई पूरी कर स्कूल-कॉलेज में हिंदी शिक्षक बनने की बजाय शुक्ला ने ICSC और CBSE के छात्रों को हिंदी पढ़ाने की शुरुआत की.
– ये हैं विनय सर से स्टूडेंट
हिंदी और तमिल-तेलुगु फिल्मों की जानी पहचानी एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया अपनी पढ़ाई के दौरान ही फिल्मों में आ गई थीं. उन्होंने विनय शुक्ला से हिंदी सीखी है. इसके अलावा ‘टायलेट एक प्रेम कथा’ ‘शुभ मंगल सावधान’ और ‘जोर लगा के हईसा’ जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में एक्टिंग का लोहा मनवा चुकीं भूमि पेडनेकर विनय शुक्ला के शिष्यों में से एक हैं. ‘माई नेम इज खान’ में शाहरुख खान के बेटे का किरदार निभाने वाले अर्जुन औजला ने भी शुक्ल से ही हिंदी सीखी है. सुप्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर कुमार सानू के बेटे जीको भट्टाचार्य और अभिनेता अनुपम खेर की भतीजी वृंदा खेर भी शुक्ल के शिष्यों में शामिल हैं.
– शिवसेना के सक्रीय कार्यकर्ता है शुक्ला
हिंदी शिक्षण की बदौलत विनय शुक्ला आज शिवसेना के सक्रिय नेता बन गए हैं. शुक्ला युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे और उनके छोटे भाई तेजस ठाकरे के हिंदी शिक्षक रहे हैं. शुक्ला फिलहाल शिवसेना के उत्तरभारत प्रभारी हैं. आज ठाकरे परिवार के निवास स्थान मातोश्री में उनकी सीधी पहुंच है.
– डिजिटल मीडिया की लेते हैं मदद
शुक्ल कहते हैं कि हिंदी फिल्मों के सितारे हिंदी में सही उच्चारण के साथ-साथ हिंदी के शब्दों का सही मतलब भी समझना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का आभास है कि वे जो संवाद बोल रहे हैं, उसका अर्थ नहीं जानते तो स्वभाविक अभिनय नहीं कर पाएंगे. वे बताते हैं, ‘कई बार विदेशों में शूटिंग कर रहे एक्टर-एक्ट्रेसेस फोन कर उनके संवाद में शामिल हिंदी के किसी शब्द का मतलब पूछते हैं. मैं उन्हें हिंदी सिखाने के लिए सोशल मीडिया की भी मदद लेता हूं.’
– हिंदी शिक्षकों के कारण ही जिन्दा है हिन्दी
– हिंदी के भविष्य के सवाल पर शुक्ला कहते हैं कि ये भाषा भारत सरकार और हिंदी शिक्षकों की बदौलत जिंदा नहीं है. बाजार की वजह से हिंदी आगे बढ़ रही है. हालांकि, हिंदी को लेकर सरकार के रवैए से वे भी दुखी हैं. पर कहते हैं कि मेरे घर का चूल्हा सरकार नहीं हिंदी की बदौलत ही जलता है.