जामनेर (नरेंद्र इंगले). नगरपरिषद के आम चुनावो का आगाज होते ही शहर का माहौल विकास और सामाजिक बैठको के दौर से लबरेज होता नजर आ रहा है . सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने अपने मंत्रालयीन व्यस्तता के बावजुद नगर मे आम मतदाताओ के बीच मौजुदगी दर्ज कर भावनात्मक जुडाव का सिलसिला शुरु कर दिया है . शहर के सामाजिक संरचना के समीक्षा के उपरांत मुस्लीम , माली , मराठा इन प्रमुख तबको के अलावा अन्य अल्पसंख्यक मतदाताओ की तादात 40 फीसदी है जो अहम भुमीका मे है और चुनाव के ठीक पहले इन्ही तत्वो की गोलबंदी के लिए स्वयमस्फूर्ती से आयोजित की जा रही सामाजिक बैठको के दौर से पुरा माहौल एक अजीब खुशफहमी से सनता दिखायी पड रहा है . विपक्ष मे एक कीस्म का ऐसा हैरतअंगेज सन्नाटा पसारा है जिसका आंकलन राजनीती के चिकीत्सको मे भी सही तरीके से नही कीया जाना अजीब जटीलता को दर्शाता है . वही उक्त तरीके से आयोजित बैठको का नूस्खा राजनीतीक पहलुओ के चलते भले हि अब तक की कोई नयी बात न हो लेकीन वर्तमान स्थिती मे इन बैठको को अपना एक विशेष महत्व जरुर है . और वह इस लिए भी की शहर की प्रथम लोकनियुक्त नगराध्यक्षा बनने का ऐतिहासिक गौरव ओबीसी संवर्ग की महीला को मिलने वाला है . बहरहाल इस पद को लेकर कीसी भी दल ने आधिकारीक रुप से अब तक अपना रुख साफ नही कीया है . 2011 की जनगणना के आधार पर 12 वार्ड के करीब 38 हजार मतदाता निगम मे 24 सदस्य पार्षद और एक लोकनियुक्त नगराध्यक्षा की सिट के साथ ही राजनीतीक व्यवस्था का फैसला करने वाले है . सुत्रो के मुताबीक फरवरी 2018 मे चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाएगा.