जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). कल तक निगम प्रशासन का ओनलाइन सर्वर डाउन होने से लोगो को नए नलसंयोजन के लिए काफी परेशानी उठानी पडी थी इसी मसले कि न्यूज फ्लैश कर जनता के समक्ष सुर्खियो के रुप परोसने के बाद हरकत मे आए प्रशासन ने सर्वर सुविधा को सुचारु ढंग से बहाल कर दिया था जिसके बाद नलको के संयोजन बाँटने कि प्रक्रिया मे तेजी आयी और लोगो कि दिक्कते कम हुयी है . अब बीते दो दिनो से राजस्व का सर्वर सिस्टम डाउन हो गया है . वो भी मान्सून के मुहाने की जब किसानो को खरीप की फसलो की बुआयी के लिये स्थानीय सहकारी संस्थाओ से कम ब्याज पर मिलने वाले ऋण के लिए गारंटी के तौर पर अपनी जमीनो के कंपूटराइज दस्तावेजो की आवश्यकता होती है , अभी नयी सरकारी सुचना के मुताबीक कल तक पटवारीयो द्वारा प्रदान किए जाते हस्तलिखीत दस्तावेज अब ऋण प्रकरण के लिए अमान्य माने जाने लगे है .
किसान ऋण के लिए अपनी मिल्कीयतो के दस्तावेजो को लेकर परेशान है . वैसे भी कंपुटराइज कापी के लिए उपभोक्ता को अपनी जेब से 20 रुपया खर्चा करना होता है और पटवारी उस कापी को स्टैम्प तथा प्रमानीत करवा कर देता है . डीजीटल इंडिया के लुभावने कंसेप्टस की जमीनी हकिकत इतनी भी भयावह हो सकती है इसका अंदाजा कीसानो और अन्य मिल्कीयत धारको की विवशता से लगाया जा सकता है . मार्केट मे बीज , खाद , उर्वरक जैसे संसाधन पहुच चुके है जिन्हे खरीदने के लिए कीसानो को दस्तावेजो के अभाव से ऋण हि नहि मिल पा रहा है स्वाभावीक है जब ऋण मिलेगा तब हमेशा की तरह बाजार मे खेती से जुडी सामग्री के दाम कथीत रणनीती तहत बढ चुके होगे . इन सभी समस्याओ से आये दिन रुबरु होते कीसानो के संयम का वाकयी गौरव करना चाहिये . इस पुरे मामले पर जनप्रतिनीधी मुह मुंदे बैठे है . कोई तो कुछ पहल करे की सर्वर सिस्टम की तत्काल बहाली हो सके इसी उम्मीद के सहारे आवाम अपने विवेक का संतुलन बनाये है .