पुणे (तेज़ समाचार डेस्क): रांजणगांव एमआईडीसी में फिएट कंपनी की जीप कंपास परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” का सपना पूरा करेगी. यह कंपनी सामाजिक दायित्व को पूरा करने में भी सदैव आगे रही है. इस कंपनी के माध्यम से बनाए गए महिलाओं के स्कील डेवलपमेंट प्रकल्प को राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी. यह आश्वासन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यहां दिया.
मौका था भारत के पहले स्थानीय उत्पादित स्पोर्ट्स यूटीलिटी व्हीकल
(एसयूवी) के आधिकारिक रूप से कंपनी के रांजणगांव प्लांट में जीप कंपास, फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स (एफसीए) के निर्माण की घोषणा का. इस उत्पादन के आरंभ होने से किसी भी परिस्थिति में सबसे सक्षम काम्पैक्ट एसयूवी जीप कम्पास के विनिर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में भारत का शुमार चीन, ब्राजील और मैक्सिको जैसे देशों में होने लगेगा. दुनिया भर के राइट हैंड ड्राइव (आरएचडी) बाजारों के लिए रांजणगांव संयंत्र में एकमात्र निर्यात सुविधा होगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एफसीए के एशिया-प्रशांत (एपीएसी), गैर-चीन क्षेत्र के एफसीए के मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) पॉल एलकला, एफसीए इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक केविन फ्लिन, एफआईएपीएल के सीईओ गुरप्रताप बोपरै और पुणे के पालक मंत्री गिरीश बापट सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस भव्य समारोह में शिरकत की.
इस समय पॉल एलकला ने कहा, ‘विनिर्माण परिचालन की स्थापना और जीप कम्पास के उत्पादन की शुरुआत भारत में हमारी यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. कम्पास प्रथम ‘मेड इन इंडिया’ जीप वाहन होगा, और हम हमारे जैसे बहुराष्ट्रीय संगठनों के लिए भारत को एक वांछनीय विनिर्माण स्थल बनाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं. जीप कम्पास स्थानीयकरण में 280 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश और उत्पादन की शुरुआत के साथ हम भारतीय उपभोक्ताओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और देश में हमारी दीर्घकालिक उपस्थिति की पुष्टि कर रहे हैं.’
दुनिया भर में अन्य एफसीए सुविधाओं की तरह, रांजणगांव संयंत्र विश्व स्तर के विनिर्माण (डब्ल्यूसीएम) को लागू कर रहा है, जो एक संरचित और कठोर उत्पादन प्रणाली है, जिसमें सभी संयंत्र प्रक्रियाएं शामिल हैं. यह कचरे को खत्म करने, उत्पादकता में वृद्धि और एक व्यवस्थित और संगठित तरीके से गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार लाने पर केंद्रित हैं. संयंत्र के कर्मचारी अपने कार्य और सुविधाओं को सुधारने के तरीके के बारे में सुझाव प्रदान करने और उन्हें लागू करने में लगे हुए हैं, स्वामित्व की एक मजबूत भावना को बढ़ावा दे रहे हैं.
गुरप्रताप बोपरै ने कहा, ‘जीप कम्पास के विकास का हिस्सा बनने और पहली बार इसके रोल आउट का साक्षी होने पर हमें उपलब्धि और संतोष की गहन अनुभूति हो रही है. कम्पास के विकास के चरण में हमने जो बिल्ड की गुणवत्ता हासिल की है, वह वास्तव में विश्व स्तरीय है और श्रेष्ठ तकनीकी और विनिर्माण उत्कृष्टता का एक उदाहरण है. हमें बेहद गर्व है कि भारतीय ग्राहकों को जल्द ही स्थानीय तौर पर निर्मित जीप एसयूवी के स्वामित्व का मौका मिल सकता है जिसे उच्चतम गुणवत्ता मानकों के साथ बनाया गया है.’ जुलाई में जीप कम्पास का पूरी तरह उत्पादन होगा और 2017 की तीसरी तिमाही के दौरान तीन प्रकारों – स्पोर्ट, लान्गिट्यूड और लिमिटेड में वाहनों को भारत भर में डीलरशिप में आने की उम्मीद है. स्थानीय रूप से, कम्पास मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ मिलकर डीजल और पेट्रोल इंजन के विभिन्न संयोजनों से लैस होगा, जिसमें 50 ट्रिम कॉन्फिगरेशन और वैल्यू पैकेज पर ग्राहकों को प्रदान किया जाएगा. 2017 के अंत तक, भारत में जीप के पोर्टफोलियो में तीन नए मॉडल होंगे. स्थानीय रूप से निर्मित जीप कम्पास प्रतिष्ठित जीप रैंगलर और दुनिया के सबसे सम्मानित एसयूवी, जीप ग्रैंड चेरोकी में शामिल हो जाएगी.