जलगांव. राज्य में महा अवयवदान महोत्सव शुरू हैं. इस महोत्सव के निमित्त से स्थानीय जिला कारागृह कें कैदी सचिन गुमानसिंग जाधव ने मृत्युपाश्चात अवयवदान करने का संमती पत्र जिला कारागृह अधिक्षक सुनील कुवर एवं जिला शलय चिकित्सक डा. एन.एस. चव्हाण के पास दिया और उपस्थितों ने उसके साहस का अभिनंदन किया. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ओर मेडिकल शिक्षामंत्री गिरीश महाजन की संकल्पना से राज्य में शुरू महाअवयवदान जनजागृती अभियान शुरू किया गया हैं. जिसके चलते जिला कारागृह के कैदीयों में अवयव दान की जनजागृती होने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
इस समय मंच पर जिला शल्य चिकित्सक डा. एन.एस.चव्हाण, जिला कारागृह अधिक्षक सुनिल कुवर, जिला माहिती अधिकारी विलास बोडके, जी.एम फाऊडेशन के अरविंद देशमुख, स्वास्थ दीप किडनी फाउंडेशन के डा. शशिकांत गाजरे, अयाज मोहसीन, सागर महाजन आदि उपस्थित थे. अवयवदान के बारे में मार्गदर्शन करते समय जिला शल्य चिकित्सक डा. चव्हाण ने कहां की, हमारा शरीर खत्म होनेवाला हैं, मृत्यू के बाद ही अवयवके जरिए अगर जिंदा रहना हैं. तो अवयवदान करना चाहिए. इसके लिए नागरीकों में जनजागृती करना आवश्यक हैं. अनेक नागरीकों को हम अपने शरीर के कोनसे अवयव दान कर सकते, इसकी जानकारी नहीं होती. इसके लिए ही प्रशासन नही जनजागृती अभियान शुरू किया हैं.
इस अभियान की जिला जानकारी कार्यालय के संवाद पर्व कार्यक्रम के माध्यम से बड़े पैमानेपर जनजागृती होने की बात कहकर अवयवदान के बारे में सविस्तर जानकारी दी. कैदीयों की ओर देखने का दृष्टिकोन अलग होता हैं. ऐसा कहकर जिला कारागृह अधिक्षक सुनिल कुवर ने कहा की, कैद यहं कभी भी बुरी नही होती, बल्की परिस्थिती उसे बुरी बनाती हैं. कारागृह के माध्यम से कैद में समाज का जीवन सिखने का प्रयास किया जाता हैं. उसे समाज के प्रवाह में लाने का प्रयास किया जाता हैं. कारागृह में आते समय कैदी को अपराधी समझकर लाया जाता हैं लेकिन यहां से बाहर जाते समय वहं समाज का घटक के रूपमें बार जाता हैं. अवयवदान का संकल्प करके समाज के सामने आदर्श निर्माण करने की बात श्री. कुवर ने कहीं. जी.एम. फाउडेशन जिले में विविध बिमारीयों के मरिजों के लिए स्वास्थ शिवीर का आयोजन किया जाता हैं. समाज में अभी अनेक मरिज अवयव के अभाव से व्याधीग्रस्त जीवन जी रहे हैं. उन्हें नया जिवन मिलने के लिए मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन के संकल्पना से जी.एम. फाउंडेशन की माध्यम से अवयवदान की जनजागृती करने का काम शुरू हैं. ऐसा प्रतिपादन जी.एम. फाउंडेशन के अरविंद देशमुख ने व्यक्त की. अवयवदान का महत्व, अवयवदान की सविस्तर जानकारी डा. शशिकांत गाजरे ने दी. तथा कैदीयों के द्वारा पुछे गए सवालों के जवाब दिए गए. इस समय अयाज मोहसीन ने कैदीयों को अवयवदान का संकल्प करने का आवाहन किया. अवयवदान जनजागृती कार्यक्रम के बाद अनेक कैदीयों ने अवयव दान करने का संकल्प किया. प्रतिनिधी के तौर पर कैदी सचिन गुमानसिंग जाधव ने अवयवदान संमती पत्र भर दिया. इस समय उपस्थित कैदीयों ने अवयवदान की प्रतिज्ञा ली. प्रतिज्ञा का वाचन जिला माहिती अधिकारी विलास बोडके ने किया. कार्यक्रम को ज्ञानेश्वर पांढरे, आनंदा पाटील के सहित जिला कारागृह के अधिकारी, कर्मचारी व कैदी बड़ी संख्या में मौजद थे. आभार सागर महाजन ने माना.