जलगांव ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – जैन इरिगेशन ने कृषिक्षेत्र में किया हुआ कार्य अनूठा है। संस्थापक अध्यक्ष भवरलालजी जैन ने कल्पना के परें विश्व की निर्मिती की है इस अद्भभूत सृजन के प्रति उनकी दूरदृष्टि को दाद देनी चाहिए, क्योंकि यह महान संस्था उन्होंने समस्त मनुष्य जाती के कल्याण के लिए निर्माण की है ऐसा गौरवोद्गार महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने जैन इरिगेशन की विविध परियोजनाओं के अवलोकन के अवसर पर व्यक्त किये ।
जैन परिवार के ज्येष्ठ सदस्य सेवादास दलुभाऊ जैन, जैन उद्योग समूह के अध्यक्ष अशोक जैन, उपाध्यक्ष अनिल जैन, सहव्यवस्थापकीय संचालक अजीत जैन, अतुल जैन, अभय जैन, अथांग जैन, विभागीय आयुक्त महेश झगडे, जिलाधिकारी किशोर राजे निंबालकर, पुलिस अधिक्षक दत्तात्रय कराले, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौस्तुभ दिवेगांवकर भी इस दौरे के दरमियां उपस्थित थे।
राज्य के मा. राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने भवरलालजी जैन ने साकार किया हुआ जलसंधारण परियोजना एवं उनके स्मृतिस्थल को भेंट दी। लगभग पंद्रह मिनट उन्होंने जैन हिल्स स्थित विश्व की सबसे बड़ी टिश्यूकल्चर उत्पादन केंद्र को भेंट दी। इस लॅब में केला, अनार, अमरूद, प्याज, बटाटा आदि के संदर्भ में जानकारी ली। उच्च कृषी जैवतकनीक के बारे में जानने के लिए उन्होंने बायोटेक्नॉलॉजी लॅब को भेंट दी। जैन हिल्स के कृषी विकास एवं अनुसंधान केंद्र में अनार, हायडेन्सिटी फल पौध रोपण का प्रयोग तथा उच्च तंत्र से सागसब्जी रोपण प्रात्यक्षिक केंद्र को और आम, संतरा, अनुसंधान एवं विकास केंद्र को भी उन्होंने भेंट दी।
जैन इरिगेशन के संस्थापक भवरलालजी जैन की स्मृतियों को जहाँ संजोया गया है ऐसे मा. भाऊ की सृष्टी को भी माननीय राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने भेंट दी। इस दरमियां जामुन, जैन स्वीट ऑरेंज, अमरूद रोपाई क्षेत्र का भी उन्होंने निरीक्षण किया। भाऊ के स्वप्न की वॉटर युनिव्हर्सिटी जिस जगह साकार होने वाली है उस जगह का भी उन्होंने अवलोकन किया। मा. भाऊ की सृष्टी परिसर को भेंट देने के पश्चात उन्होंने सौर ऊर्जा डेमो को भेंट दी। उसी दरमियां टपक सिंचाई द्वारा चावल की खेती का प्रयोग, प्याज, अमरूद और केले के पौध वाटीका को भेंट दी। चावल की खेती में टपक सिंचाई के कारण 50 प्रतिशत से अधिक पानी की बचत होकर उत्पादन में 25 प्रतिशत से अधिक उत्पादन होता है। उसी तरह इससे मिथेन वायु का उत्सर्जन कम होता है और उत्तम गुणवत्ता का चावल का उत्पाद होता है इन वैशिष्टयों से उन्हें अवगत कराया गया तथा टपक सिंचाई द्वारा गेहूँ की प्रक्रिया को भी उन्होंने जाना। फल प्रक्रिया परियोजना में विविध फलों पर किस तरह से प्रक्रिया की जाती है इसका भी मा. राज्यपाल महोदय ने अवलोकन किया। विश्व में दूसरे क्रमांक का प्याज एवं सागसब्जी निर्जलीकरण परियोजना में प्याज के बीज से लेकर प्रक्रिया किये हुए प्याज तक नाशवंत कृषी माल की मूल्यवर्धन श्रृंखला तैयार होती है इस संदर्भ में उन्हें जानकारी दी गई। विश्व की सबसे बड़ी आम पर प्रक्रिया उद्योग को भी उन्होंने भेंट दी। इस परियोजना की विशिष्टता यह है कि, असेप्टीक एवं आयक्युएफ प्रोजेक्ट है। उसी तरह आने वाले समय में साकार किये जाने वाला भारत का सबसे बड़ा मसाला प्रक्रिया उद्योग केंद्र को भी उन्होंने भेंट दी। इस केंद्र की विशिष्टता यह है कि, यह एकात्मिक परियोजना है। इस भी मूल्यवर्धन की श्रृंखला किस तरह की है इस संदर्भ में अवगत कराया गया। 24 हजार टन प्रति वर्ष प्रक्रिया क्षमता इस परियोजना की होगी। 100 प्रतिशत गिले और सुखे मसाले का उत्पादन किया जाएगा ऐसी जानकारी राज्यपाल महोदय को जैन इरिगेशन के उपाध्यक्ष अनिल जैन ने दी।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवनचरित्र पर आधारित विश्व का प्रथम ऑडीओ गाईडेड म्युझियम एवं संशोधन केंद्र ‘गांधीतीर्थ’ को भी भेंट देने के लिए भी उन्होंने अपना बहुमूल्य समय दिया। इस भेंट के पश्चात उन्होंने गाँधी तीर्थ के प्रति लिखित स्वरूप में अपना मनोनय व्यक्त किया। लगभग आधे घंटे तक वे गाँधी तीर्थ में रहे। परिश्रम भवन में जैन इरिगेशन के संस्थापक भवरलालजी जैन तथा जैन इरिगेशन के बढ़ते आलेख के बारे में जानकारी ली। इसके पश्चात आखिर में टपक, तुषार सिंचाई डेमो सेंटर को भी भेंट दी। लगभग साडे तीन घंटें के इस दौरे में उन्होंने महत्व की सभी परियोजनाओं को भेंट देकर जानकारी ली।
भाऊ की सृष्टी में राज्यपाल के शुभहाथों वृक्षरोपण
जैन इरिगेशन के संस्थापक भवरलालजी जैन की 80 वी जयंती के उपलक्ष्य में 12 दिसम्ब 2016 को भाऊं की सृष्टी का निर्माण किया गया। सप्तर्षी, नवग्रह, तीर्थंकर, नक्षत्र और आध्यात्मिक ऐसी पाँच वर्तुल आकार उद्यान भाऊ की सृष्टी परिसर में है। इस जगह पर आज मा. राज्यपाल महोदय के शुभहाथों बेल वृक्ष का रोपण किया गया।
कृषिजल विशेषांक का मा. राज्यपाल के शुभहाथों प्रकाशन
जैन इरिगेशन के संस्थापक भवरलालजी जैन के जन्मदिन के औचित्य में कृषिजल मासिक के विशेष अंक का प्रकाशन मा. राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के शुभहाथों किया गया। इस अंक में मिट्टी, पानी, प्रकृति, समाज और किसानों के अनुभव आदि दिये गये है।