उदमलपेठ, तमीलनाडू ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – जलगांव स्थित विश्व विख्यात जैन इरिगेशन समूह ने तमिलनाडु के इलायामुथूर उदमलपेठ में फल एवं सब्जी प्रक्रिया उद्योग की नई आधुनिक इकाई की स्थापना की. जैन उद्योग समूह के अध्यक्ष अशोक जैन ने इस प्रक्रिया इकाई की ओपचारिक शुरुवात करते हुए इसे तमिलनाडू के किसानो के लिए उच्च कृषि तकनिकी ज्ञान से जुड़कर लाभान्वित होने का अवसर बताया.
इलायामुथूर उदमलपेठ में 200 मेट्रीक टन प्रतिदिन प्रक्रिया क्षमता वाली इस इकाई की स्तापना करते हुए अशोक जैन ने बताया की तमिलनाडु के किसानो के कृषि उत्पादन व मूल्य संवर्धन के लिए जैन इरिगेशन समूह कटिबद्ध है. तमिलनाडु के किसान उच्च कृषि तकनिकी ज्ञान को स्वीकार करने में सक्षम हैं. त्रिची में केला संशोधन केंद्र के माध्यम से इस परिसर का नाम पुरे देश में पहचाना जाने लगा है. किसानो की तत्परता व आधुनिकता का इसी बात से अब्दाज़ा लगाया जा सकता है की इस परिसर में आम की पैदावार तुलनात्मक अधिक है. परिसर के किसानो ने आधुनिक प्रणाली से आम रोपण में काफी दिलचस्पी दिखाई, किसानो के भरपूर उत्पादन पण निश्चित ही कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन होगा. इसके माध्यम से किसानो को ठोस रकम प्राप्त हो सकेगी.
अशोक जैन ने बताया की जैन इरिगेशन ने वर्ष १९९७ में जलगाँव में फल प्रक्रिया उद्योग की शुरुवात की थी . तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश से कच्चा माल जलगांव में लाकर प्रक्रिया करने से बेहतर जहाँ पर आम उत्पादन अधिक होता है वहीँ प्रक्रिया उद्योग की स्थापन करना निश्चित कर वर्ष २००६ में चित्तूर में कम्पनी ने फल प्रक्रिया इकाई की स्थापना की .और अब उदमलपेठ ने नई इकाई की स्थापना की है. इस नई इकाई के मध्याम से तमिलनाडु के किसानो के आवंला व आम उत्पादन का सही मूल्यांकन होगा. किसानो के कृषि उत्पाद के अनुसान आम , आंवला. अमरुद आदि फलों पर प्रक्रिया की जा सकेगी. जैन इरिगेशन ने इस इकाई को वर्ष में 100 दिन निश्चित चलाये जाने का नियोजन भी किया है. इउदमलपेठससे पहले जैन उद्योग समूह के अध्यक्ष अशोक जैन के हांथो नई इकाई की कोनशिला का अनावरण, जैन इरिगेशन के संस्थापक भवरलालजी जैन की प्रतिमा व “लिव्ह धिस वर्ल्ड बेटर दॅन यू फाउंड इट” वाक्य की पट्टिका का अनावरण भी किया गया. कार्यक्रम में परिसर के किसान. गणमान्य व नरसिंहन, सुब्रमणी, दुराईपांडी, जयचंद्रन, जैन फ्रार्मफ्रेश फुडस् के उपाध्यक्ष सुनील देशपांडे, सुनील गुप्ता, बालाजी हाके, तमिळनाडू प्रकल्प के प्रमुख डॉ. नारायणन, शांतिकुमार कटारिया, वेलमुरगन, प्रवीण कुमट, अमोल चौधरी आदि मौजूद थे.