नई दिल्ली (तेजसमाचार प्रतिनिधी) – नई दिल्ली के सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन ॲण्ड पॉवर (सीबीआयपी) संस्था की ओर से हर वर्ष विविध संस्था, अंशधारक एवं उद्यमियों को पानी, ऊर्जा और पुनर्निमीत ऊर्जा क्षेत्र में उत्कृष्ट कामगिरी के लिए पुरस्कार दिया जाता है। विदीत हो कि यह पुरस्कार वर्ष 1927 से जारी है। इस वर्ष जलसंसाधन के कार्यक्षम उपयोग के लिए जैन इरिगेशन को सीबीआयपी की ओर से सम्मानचिन्ह एवं प्रशस्तीपत्र देकर गौरवान्वित किया गया। यह पुरस्कार कंपनी के वरिष्ठ सहयोगी वरूणकुमार सिंह ने स्वीकार किया।
नई दिल्ली के लोधी रोड पर स्थित स्कोप कन्व्हेन्शन सेंटर के स्कोप कॉम्प्लेक्स में पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न हुआ। प्रमुख अतिथि के रूप में जलसंसाधन एवं मानव संसाधन विभाग के केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंग, जलसंसाधन लोकसभा कामकाज और गंगा पुनरूज्जीवन विभाग के केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, महाराष्ट्र के जलसंपदामंत्री गिरीश महाजन, ऊर्जा, कानून और कानून कामकाज केंद्रीय राज्यमंत्री पुष्पेंद्र सिंग मंच पर उपस्थित थे। भारत के टपक एवं तुषार सिंचाई प्रणाली के संशोधन के नाविन्य पूर्णता के लिए और अग्रगण्य ऐसी कंपनी के नैसर्गिक संसाधनों के कार्यक्षम उपयोग के लिए और अल्पभूधारक किसानों की उत्पाद में वृद्धि करने पर जैन इरिगेशन को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। ‘सीबीआयपी दिन’ हरवर्ष जनवरी में दिल्ली में मनाया जाता है तथा इस अवसर पर सीबीआयपी पुरस्कर का भी वितरण किया जाता है।
उपस्थित गणमान्यों ने सिंचाई, जलसंसाधन का जतन और पानी के उपयोग की कार्यक्षमता इन विषयों पर विचारमंथन किया। जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने मनोगत व्यक्त करते हुए सूक्ष्मसिंचाई का महत्त्व बतलाया। कॅनोल, तालाब के ऐवज में बंद पाइपद्वारा पानी किसानों तक पहुँचाने की बात कही। केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पानी के उपयोग की कार्यक्षमता के बारे में मार्गदर्शन करते हुए वड़ोदरा के कॅनोल पर सौरऊर्जा का प्रकल्प कैसे साकार किया गया इसकी जानकारी दी। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंग ने जलसंसाधनों का जतन करना यह समय की आवश्यकता है ऐसा कहा तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पभूधारक किसानों के लिए अनुदान के बारे में जानकारी दी।