नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). महत्वाकांक्षाओं से घिरी टीडीपी केन्द्र सरकार से अलग हो चुकी है. महाराष्ट्र में शिवसेना के शुरू से ही बगावती तेंवर रहे हैं. लेकिन अब एक और पार्टी ने केन्द्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है. केंद्र सरकार के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को मोदी सरकार को एक फैसला रास नहीं आया है. एलजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए. के. गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाये जाने पर सवाल उठाते हुए 9 अगस्त तक अपना फैसला वापस लेने का अल्टीमेटम दे दिया है.
एलजेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे और सांसद चिराग पासवान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 9 अगस्त से पहले हमारी बातें नहीं सुनी गईं तो दलित सेना भी दलितों के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर जाएगी. चिराग ने कहा कि दलितों के सब्र का बांध टूट रहा है.
ज्ञात हो कि तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी पहले ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर सरकार से अलग हो चुकी है. दूसरी ओर महाराष्ट्र में शिवसेना के सुर भी कई बार मोदी सरकार के विरोध में सुनाई देते रहे हैं. हाल ही में उसने अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का साथ भी छोड़ दिया था.
– दलित विरोधी है गोयल
पासवान ने कहा कि 9 अगस्त से पहले सरकार एससी-एसटी कानून को लेकर अध्यादेश लाये या संसद के इसी सत्र में एससी-एसटी बिल पर संशोधन लाए. पासवान ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ए. के. गोयल दलित विरोधी हैं. जस्टिस ए. के. गोयल ने ही एससी-एसटी कानून पर फैसला दिया था. पासवान ने कहा कि सरकार ने रिटायर्ड होने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का चेयरमैन बनाकर उन्हें पुरस्कृत किया है. हमारी मांग है कि गोयल को तुरंत हटाया जाए. पासवान ने कहा कि मुझे उम्मीद है सरकार इस पर जल्दी ही कोई फ़ैसला लेगी. सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर जो मंत्रियों का समूह बनाया है उसमें रामविलास पासवान भी हैं. रामविलास पासवान ने भी कहा है कि एससी-एसटी अध्यादेश लाया जाना चाहिए.