मुंबई. सीएजी ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि भारत में फिल्मी दुनिया में काम करनेवाले अधिकांश कलाकार, फिल्म निर्माता, निर्देशक आदि टैक्स की चोरी करते है. यह देश की अर्थ व्यवस्था के लिए काफी बड़ा खतरा है. हालांकि सीएजी ने यह भी खुलासा किया है कि इनमें से कुछ ही लोग ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करते है, लेकिन यह संख्या काफी कम है.
संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार शाहरुख खान और सलमान खान जैसे सुपरस्टार की फिल्मों के लिए भी टैक्स नहीं दिया गया. ‘अरबाज खान प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ सलमान खान के भाई अरबाज खान की है. जबकि ‘रेड चिली इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान की है. फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘दबंग 2’ के म्यूजिक राइट्स साल 2012-13 के लिए 6 करोड़ में और 2013-14 के लिए 9 करोड़ों में सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज़ को बेचे गए थे.
मगर सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों ही मामलों में दोनों प्रोडक्शन हाउस ने सर्विस टैक्स नहीं दिए, क्योंकि इनका कहना था कि यह राइट्स हमेशा के लिए नहीं दिए गए बल्कि कुछ वक्त के लिए ही दिए गए हैं. यह दोनों ही प्रोडक्शन हाउस इन म्यूजिक राइट्स को दिए जाने वाली कंपनी से गानों के बदले में रॉयल्टी वसूल रहे थे, लिहाजा उस पर सर्विस टैक्स देना बनता है. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, क्योंकि यह राइट्स कुछ वक्त के लिए दिया गया था. इसलिए इस पर 1.85 करोड़ का टैक्स बनता है, जो कि वसूला जाना चाहिए था.
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रणबीर कपूर को ब्रिटेन में हुई शूटिंग के लिए लंदन की कंपनी एडीएचएम फिल्म्स (यूके) के जरिये 6.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. रणबीर ने इसे सेवा-निर्यात मानते हुए बाहर से प्राप्त भुगतान पर 83.43 लाख रुपये का सेवा कर नहीं चुकाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी पक्षों (धर्मा प्रोडक्शंस, एडीएचएम फिल्म्स यूके और रणबीर कपूर) के बीच लेन-देन की पूरी शृंखला की जांच कर यह देखा जाना चाहिए कि क्या इस मामले में उचित तरीके से सेवा कर लगाया गया है या नहीं.
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सलमान, अर्जुन रामपाल, रितेश देशमुख और अजय देवगन के कागजात की जांच करने के बाद पता चला कि इन लोगों ने अपने प्रोडक्शन हाउस के तहत बनाई गई फिल्मों में मेकअप मैन, हेयर स्टाइलिस्ट और स्पॉटबॉय की खर्चा उठाने की बात कहकर अपना सर्विस कर बचाया. साल 2013-14 और 2015-16 के दौरान इस तरह से 3.47 करोड़ों रुपए के सेवा कर का भुगतान नहीं किया गया.