नंदूरबार (तेज समाचार प्रतिनिधि). ट्रेन में यात्रा करना जितना आनंददायी और सुखद होता है, उतना ही इस यात्रा को कुछ लोग बेरंग और परेशानीभरा बना देते है. इनमें ट्रेनों में अवैध रूप से भीख मांगनेवाले और तृतीयपंथियों की संख्या अधिक होती है. ये लोग यात्रा के दौरान यात्रियों को काफी परेशान करते है. इनकी हरकते कई बार इतनी तुच्छ होती है कि इनकी गरीबी पर तरस आने की बजाय लोगों को गुस्सा आ जाता है. कई बार ट्रेनों में घूमनेवाले भिखारियों के गिरोह चोरी, मारपीट जैसी गंभीर घटनाओं तक को अंजाम दे देते है. ऐसे में रेलवे पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ जाती है.
पिछले कुछ दिनों से पश्चिम रेलमार्ग पर ट्रेनों में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों की टोली सक्रीय है. ये लोग भिखारी बन कर यात्रियों से जबरन पैसे मांगते है. ये लोग शरीर पर गहरें जख्म दिखा कर लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करते है और उनसे उगाही करते है. हालांकि ये जख्म असली न हो कर नकली होते है. इसके लिए ये लोग स्टीकर्स आदि का प्रयोग करते है. इन नकली भिखारियों से रेल में सफर करनेवाले यात्री परेशान हो रहे हैं. इन लोगों की कई बार शिकायत करने पर भी इन लोगों पर कोई कार्रवाई पुलिस या रेल प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है.
चेन्नई-अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस में दो से तीन महिलाओं के साथ कुछ नाबालिग लड़कियां भीख मांगने का धंधा कर रही है. लोगों की भावनाओं से खेल कर ये टोली अधिक से अधिक भीख वसूलने का प्रयास करती है. यहां भी ये लोग अपने शरीर पर गंभीर जख्म दिखा कर या हाथ-पैरों पर गैंगरीन होने का झांसा दे कर लोगों की भावनाओं से खेलते है. कई बार ये लोग ऑपरेशन के नाम पर या घर में मां-बाप, भाई आदि बीमार होने का बहाना बना कर लोगों की करुणा का फायदा उठाते है. ऐसे में यात्रियों के पास मजबूरन इन्हें पैसा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता.
ऐसे में रेलवे पुलिस को चाहिए कि वे ट्रेन की बोगियों में भीख मांगनेवाले, ट्रेन को गंदा करनेवाले इन कथित भिखारियों को ट्रेनों में अवैध रूप से सफर करने से रोके और यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखे.