धुलिया (तेज़ समाचार के लिए वाहिद ककर ):डॉ भीमराव आंबेडकर ने शहर के शासकीय विश्रामगृह क्रमाक दों स्थित ट्रैवल्स बंगलो में स्वतंत्र संग्राम से पूर्व धुलिया में निवास किया था उसको बंगले को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाने की मांग को लेकर संरक्षण व संवर्धन कृती समिति ने एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन आयोजन किया इस दौरान प्रमुख रूप से डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के पड़पोते राज रत्न आंबेडकर उपस्थित थे ।
ज़िला अधिकारी दिलीप पांढरपट्टे को सौपे ज्ञापन में बताया गया है कि जिस संविधान की शपथ भारत में हर नेता व अधिकारी लेते हैं. आज उसी संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की अंतिम निशानियां ख़तरे में हैं । सन 1937 में डॉ भीमराव आंबेडकर मुंबई से रेल द्वारा धुलिया दौरे पर आए थे जिस का उल्लेख राज्यसरकार ने अपने परिपत्र में किया है तत्कालीन समय का ट्रेवल्स बंगला आज का शासकीय विश्रामगृह क्रमाक दों है जिसे 127 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत पुरातत्व में शामिल किया गया है । ज्ञापन देकर ट्रैवल्स बंगले को डॉ भीमराव आंबेडकर के स्मारक स्थान घोषित करने की मांग राजरत्न आंबेडकर आनंद सौंदने बाबा हातेकर अधिवक्ता विलास झालटे रवि शिंदे नाना बागुल आदि ने की है ।