नई दिल्ली(तेज़ समाचार प्रतिनिधि ): सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और वाट्सऐप से कहा है कि वे 4 सप्ताह में विस्तृत हलफनामा पेश करें। सुप्रीम कोर्ट यह बात सुनिश्चित करना चाहती है कि फेसबुक और वाट्सऐप किसी भी ग्राहक का डेटा किसी थर्ड पार्टी को नहीं देंगे। इसीलिए कोर्ट की तरफ से यह हलफनामा पेश करने के लिए कहा गया है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित कर दिया है, जिसका असर फेसबुक और वाट्सऐप की डेटा शेयरिंग पॉलिसी पर भी पड़ सकता है। फेसबुक और वाट्सऐप ग्राहकों का डेटा दूसरों को शेयर न करें, इसे लेकर ही सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों से एफिडेविट मांगा है।
मामले की सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप्प की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वो मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप्प में कब रजिस्टर्ड हुए और किस तरह का मोबाईल आप ऑपरेटर करते हैं. इसके अलावा और कोई जानकारी साझा नहीं करती.सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि 31 जुलाई को उन्होंने श्री कृष्णा कमिटी बनाई है. कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद तय करेंगे कि कानून लाना है या नहीं. निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताने के नौ जजों के संविधान पीठ के फैसले के बाद अब व्हाट्सएप्प का डाटा फेसबुक को शेयर करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर पांच जजों के संविधान पीठ में सुनवाई हुई. 28 नवंबर को अगली सुनवाई होगी.
बता दें की केंद्र व्हाट्सएप्प, फेसबुक और अन्य एप्स में लोगों के डाटा को प्रोटेक्ट करने के लिए कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है और वो डाटा प्रोटेक्शन कानून लाएगी.दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि ये निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए संविधान पीठ का गठन किया गया है. जनवरी में व्हाट्सएप्प के डाटा को फेसबुक से जोड़ने के मामले में निजी डाटा और प्राइवेसी के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, ट्राई, व्हाट्सएप्प और फेसबुक को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा था.