बीजिंग. इन दिनों डोकलाम सीमा को लेकर भारत और चीन के बीच जबरदस्त ठनी है. इसी विवाद को तूल देते हुए चीनी मीडिया ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल पर आरोप लगाया है कि डोकलाम विवाद के पीछे डोभाल की साजिश है.
चीनी अखबार के संपादकीय में कहा गया कि चीन और भारत की सेनाओं के बीच मौजूदा सीमा विवाद में गतिरोध डोभाल की वजह से है. लेख में लिखा गया है कि अजीत डोभाल के चीन दौरे को लेकर भारतीय मीडिया उम्मीदें लगाए बैठा है कि इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध का हल निकल सकता है.
अखबार ने आगे लिखा है, कि चीन इस बात पर कायम है कि दोनों पक्षों के बीच किसी भी अर्थपूर्ण बातचीत के लिए भारत का इस इलाके से सेना हटाना पहली शर्त है. चीनी पक्ष तब तक भारत से कोई बात नहीं करेगा, जब तक उनकी सेना बिना किसी शर्त चीनी क्षेत्र से हट नहीं जाती. भारत को अपना भ्रम दूर कर लेना चाहिए. अखबार में यह भी कहा गया है कि बीजिंग को दिल्ली के साथ सामंजस्य बैठाने और सड़क निर्माण को रोकने में कोई परहेज नहीं है. बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के लिए NSA अजीत डोभाल 27 जुलाई और 28 जुलाई को बीजिंग में होंगे.
चीनी अखबार में यह भी कहा गया कि ब्रिक्स की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर की मीटिंग ब्रिक्स समिट के लिए है. इसे भारतीय सीमा पर बातचीत के लिए मंच नहीं माना जाना चाहिए. अखबार ने चेतावनी भरी भाषा में आगे लिखा है कि अगर चीन ने जवाबी कार्रवाई की, तो भारत ज्यादा मुश्किल राजनीतिक और सैन्य हालात में घिर जाएगा. उसे 1962 के बाद अब तक के सबसे बड़े सामरिक झटके का सामना करना होगा और भारत को इसके बदले में भारी कीमत चुकानी होगी.
– क्या है डोकलाम विवाद?
दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है. इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है. 16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच यह गतिरोध जारी है.