पुणे. यात्रा और यात्रा संबंधी वित्तीय सेवाएं देने वाली भारत की अग्रणी कंपनी थॉमस कुक (इंडिया) समूह ने दिवाली सीजन के दौरान अपने हॉलिडे बिजनेस में आक्रामक वृद्धि दर्ज करवाई है. घरेलू पर्यटन में 26 फीसदी और अंतरराष्ट्रीय स्थलों के लिए वैकेशंस में 30 फीसदी की वृद्धि के साथ कंपनी ने फेस्टिव ट्रैवल सीजन का भरपूर फायदा उठाया है.
थॉमस कुक की ओर से आए इन आंकड़ों को भारतीयों में एक बढ़ते चलन का संकेत भी माना जा सकता हैं. इस चलन को भुनाने के लिए, कंपनी ने आकर्षक पैकेजों और मूल्य प्रस्तावों की एक शृंखला की शुरुआत के साथ-साथ इसे हवाई-उड़ानों के साथ जोड़ा, इन सबने मिल कर उपभोक्ता मांग को उत्प्रेरित करने में बहुत अच्छी तरह से काम किया.
एशिया में अपेक्षाकृत कम दूरी की यात्राएं और वीजा-ऑन-अराइवल स्थलों सबसे शीर्ष पर थे. पिछले वर्ष इसी समय के एशिया ग्रुप टूर की तुलना में थॉमस कुक ने भारत के एशिया समूह की दर्शनीय स्थलों की यात्राओं में इस बार 30 फीसदी की वृद्धि पाई. पसंदीदा पर्यटन स्थलों में सिंगापुर, थाईलैंड, बाली, मलेशिया और जापान थे. इसके अतिरिक्त, दुबई, अबू धाबी, जॉर्डन और मिस्र जैसे देशों के लिए भी इस वर्ष भारी मांग दिखी.
दिवाली के अवसर पर ताश खेलना एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प रिवाज है. कैसीनो का अनुभव प्रदान करने वाला कंपनी के मकाऊ टूर में इस बार 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई. उत्सव के माहौल में थॉमस कुक की बढ़त में शामिल लंबी दूरी के गंतव्यों में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के नाम हैं.
घरेलू परिप्रेक्ष्य में थॉमस कुक इंडिया ने एंडमंस, भूटान, कच्छ-गुजरात, राजस्थान, गोवा, नेपाल, कूर्ग और केरल के बैकवाटर्स के लिए भारी मांग देखी. इस सीजन का एक खास चलन यह देखने में आया कि भारत में लंबे सप्ताहांत के साथ उत्सव की छुट्टियां आ जुड़ने से कहीं जाने और रुकने का समय बढ़ गया. पारंपरिक 5 रातों की विदेश यात्रा में 8- 9 रातों का विस्तार दिखा. वहीं, एक दौरे पर कुल मिला कर जहां प्रति व्यक्ति खर्च औसतन 1 लाख रुपए हो जाता था, वहां अब 1.2 लाख रुपए तक खर्च किए गए.
थॉमस कुक (इंडिया) लिमिटेड में लेजर ट्रैवल एंड एमआईसीईएस के प्रेसिडेंट और कंट्री हेड राजीव काले ने कहा, ‘यात्राओं की ललक रखने वाले भारतीय उपभोक्ता अपनी वैकेशंस का आनंद उठाने से नहीं चूक रहें. त्योहारी छुट्टियों के साथ वीकेंड के अवकाश को मिला कर सोने में सुहागे जैसी स्थितियां बनाने का चलन है. इससे लंबी वैकेशंस हासिल हो जाती है, जिसका इस्तेमाल पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने और काम के बीच ताजगी से भरपूर पल जुटाने के लिए किया जा रहा है. हमारी बिक्री टीमों ने दिवाली के उत्सवी सीजन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है और यह एक उत्साहजनक प्रवृत्ति है.’
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