बैंकॉक (तेज समावार डेस्क). थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में अपने कोच के साथ फंसी फुटबॉल टीम के 8 बच्चों को पिछले दो दिनों में सकुशल बाहर निकाला गया. इनमें से रविवार की शाम हो 4 बच्चों को निकाला गया था, जबकि 4 बच्चों को सोमवार की देर शाम तक निकाल लिया गया. बाकी 5 सदस्यों को निकालने के लिए बचाव दल के कर्मचारी मंगलवार सुबह अभियान शुरू करेंगे. खिलाड़ियों के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे बहुत बहादुर हैं. वे जल्द ही गुफा से बाहर आ जाएंगे.
– कई देशों के 90 गोताखोरों का रेस्क्यू ऑपरेशन
रविवार को करीब 12 घंटे तक चले अभियान में 18 गोताखोरों ने 4 बच्चों को बाहर निकाल लिया था. थाईलैंड के अलावा अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के 90 गोताखोर बचाव कार्य में लगे हुए हैं. एक हजार से ज्यादा जवान और एक्सपर्ट इस अभियान में मदद कर रहे हैं. यह फुटबॉल टीम 23 जून को गुफा देखने गई थी. बारिश से आई बाढ़ में फंस गई. इन लड़कों की उम्र 11 से 16 साल के बीच है. उनके कोच की उम्र 25 साल है.
– ब्रिटेन के गोताखोर बने रक्षक
ब्रिटेश गोताखोर जॉन वोलेंनथन और रिक स्टैटन रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो हैं. दोनों ने ही गुफा में फंसे बच्चों को सबसे पहले खोजा. ये बच्चे कीचड़ के बीच एक छोटी सी चट्टान पर बैठे मिले थे. जॉन ने जब उनसे पूछा था कि आप कितने लोग हो? तो अंदर से आवाज आई- थर्टीन.
– दुनिया के सबसे महिर गोताखोर
जॉन और रिक दुनिया के सबसे माहिर गोताखोर हैं. 2004 में दोनों ने ब्रिटेन की बुकी होल गुफा की गहराई में जाकर रिकॉर्ड बनाया था. रिक फायर ब्रिगेड विभाग से रिटायर्ड हैं और जॉन आईटी सलाहकार हैं. रिक ने 2004 में मैक्सिको में आई बाढ़ में 9 दिन तक फंसे रहे 6 सैनिकों को बचाया था. रिक को उन्हें बाहर निकालने में 9 घंटे लगे थे. इसके अलावा 2010 में फ्रांस की गुफा में फंसे वहां के गोताखोर एरिक एस्टाबिले की जान भी इन्होंने बचाई थी. वह ऑपरेशन 8 दिन चला था. हालिया मामले के बाद थाइलैंड नेवी ने जैसे ही इनसे संपर्क किया, दोनों तत्काल राजी हो गए और 27 जून को मौके पर पहुंचकर मिशन शुरू कर दिया.
– चियांग राई अस्पताल में हुआ बच्चों का चेकअप
अधिकारियों के मुताबिक, स्वस्थ बच्चों को सबसे पहले बाहर निकाला गया. बच्चों को बाहर आते ही चियांग राई अस्पताल ले जाया गया. जैसे ही बच्चे सतह पर आए, गोताखोरों ने उन्हें गले से लगा लिया. शनिवार शाम से शुरू हुई बारिश रविवार को दिनभर होती रही. ऐसा लग रहा था कि यह अड़चन बन सकती है, लेकिन इसका उतना असर नहीं हुआ.